किसान होंगे मालामाल : 20 रुपए की दवा किसानों को करा सकती है लाखो की कमाई,पूरी खबर,,,,,
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किसान होंगे मालामाल – खेती में सबसे ज्यादा पैसा उर्वरकों पर खर्च किया जाता है। जहां एक ओर डीएपी यूरिया और अन्य उर्वरक बहुत महंगे हैं, वहीं उनके निरंतर उपयोग से मिट्टी की उर्वरता भी कम हो जाती है। पहले की तरह किसान अब खेत में कम गोबर का प्रयोग करते हैं और फसल के अवशेष (पुवाली आदि) को खेत में नहीं छोड़ते हैं, जिससे मिट्टी में कार्बन की मात्रा कम हो रही है.इसका एक कारण यह भी है कि जैविक खरीद से खाद बनाने में काफी समय लगता है।
सरकार उर्वरकों की खरीद में भी डॉलर खर्च करती है, इसलिए वह जैविक खेती के लिए प्रेरित कर रही है और किसान खुद ही खाद बनाते हैं। भारत सरकार के कृषि विभाग के जैविक कृषि केंद्र ने भी वेस्ट डीकंपोजर बनाया है। इस प्रकार नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फार्मिंग ने वेस्ट डीकंपोजर की 40 मिलीलीटर शीशी की कीमत 20 रुपये रखी है।
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संस्थान का दावा है कि कुछ ही समय में कई सौ लीटर तरल खाद तैयार हो जाती है।इसके अलावा आप इसकी मदद से घरेलू कचरे से कई एकड़ जमीन के लिए बेहतरीन खाद भी तैयार कर सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह केवल 20 रुपये (40 मिली) में आता है और दूसरी बात यह है कि इसे कोई निजी कंपनी नहीं बल्कि सरकार ही दे रही है।
इसका उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है
इसका उपयोग फसलों की सिंचाई, तैयार फसल में छिड़काव और बीजों के उपचार में किया जा सकता है। केंद्र सरकार न केवल इस उत्पाद को उपलब्ध कराती है बल्कि किसानों को इसका इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित भी करती है। इसके लिए वीडियो भी बनाए गए हैं। इसे कृषि में रसायनों के उपयोग को कम करने के उद्देश्य से बनाया गया है। केंद्र के मुताबिक, जिन किसानों ने इसका इस्तेमाल किया है, उन्होंने न सिर्फ पैसे की बचत की है बल्कि अच्छी पैदावार भी हासिल की है.