Fish Farming : मछली का पालन है मुनाफ़े का सौदा कम समय में देता है मोटा मुनाफा देखे पूरी डिटेल

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देवास टॉक्स (12)

Fish Farming : इस मछली का पालन है मुनाफ़े का सौदा कम समय में देता है मोटा मुनाफा देखे पूरी डिटेल भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां खेती के साथ-साथ किसान मछली पालन भी करते हैं. इससे उन्हें अच्छी आमदनी होती है. खास बात ये है कि मछली पालन अब धीरे-धीरे एक बिजनेस बन गया है. केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी देती हैं. लेकिन मछली पालन का बिजनेस शुरू करने से पहले किसानों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. नहीं तो उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसलिए आज हम किसानों को कुछ जानकारी देने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर वो मछली पालन से बंपर कमाई कर सकते हैं.

असल में, मछली पालन एक ऐसा बिजनेस है जिसे किसान कम बजट में ही शुरू कर सकते हैं. तालाब में ही नहीं बल्कि घर के अंदर प्लास्टिक की टंकी में भी मछली पालन का बिजनेस शुरू किया जा सकता है. लेकिन मछली पालन शुरू करने से पहले उसकी किस्म का खास ख्याल रखना होगा. अगर किसान अच्छी किस्म की मछली नहीं पालते हैं, तो उन्हें घाटा भी पड़ सकता है. क्योंकि बाजार में मछली के दाम सिर्फ किस्म के आधार पर ही मिलते हैं. इसलिए किसानों को नीचे बताई गई किस्मों की मछलियां ही पालनी चाहिए.

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रोहू मछली पालन

रोहू मछली बहुत ही शानदार किस्म की मछली है. ये पूरे भारत में अपने स्वाद के लिए मशहूर है. पश्चिम बंगाल, बिहार, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड और असम में बड़े पैमाने पर लोग रोहू मछली पालते हैं. रोहू पालने के लिए किसी बड़े तालाब की जरूरत नहीं होती. आप छोटे जल स्रोतों में भी ये बिजनेस शुरू कर सकते हैं. खास बात ये है कि देशभर में रोहू मछली के बीजों की मांग है. ये दूसरी मछलियों के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक होती है. इसके अलावा, इसका वजन भी तेजी से बढ़ता है. ये मछली सिर्फ 9 महीने में ही ढाई किलो ग्राम तक बढ़ जाती है. इससे किसानों को ज्यादा मुनाफा होता है.

कटला मछली पालन

कटला मछली बांग्लादेश की मशहूर मछली है. वहां इसका बड़े पैमाने पर पालन किया जाता है. लेकिन भारत में भी कटला मछली का कारोबार होता है. खाने में इसका स्वाद बहुत लजीज होता है. इसकी खासियत ये है कि ये भोजन के लिए पानी की ऊपरी सतह पर तैरती रहती है. पानी के किनारे के पास जो वनस्पतियां पाई जाती हैं, वही इसकी वृद्धि में मदद करती हैं. 25 से 32 डिग्री सेल्सियस के तापमान में कटला मछली तेजी से बढ़ती है.

तिलपिआ मछली पालन

तिलपिआ मछली दुनियाभर में खाई जाती है. खपत के मामले में ये दुनिया की तीसरी नंबर की मछली है. इसे प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है. इस मछली को अनाज आधारित आहार की जरूरत होती है.

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आभूषणिक मछली पालन

आजकल लोग शौक के तौर पर घरों में भी आभूषणिक मछली पाल रहे हैं. इसलिए आप आभूषणिक मछलियों का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं. इस मछली को 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पसंद होता है. ये मछलियां सुनहरी और चांदी-सफेद जैसी धातुई रंगों में पाई जाती हैं. इन मछलियों को ज्यादातर शहरी इलाकों में रहने वाले शौकीन लोग पालते हैं.

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