डैम खबर – दीवार तोड़कर किया पानी का निर्गम,नहीं हो सकी मरम्मत,लोगो की घर वापसी?

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डैम खबर – दीवार तोड़कर किया पानी का निर्गम,नहीं होडैम खबर – दीवार तोड़कर किया पानी का निर्गम,नहीं हो सकी मरम्मत,लोगो की घर वापसी ?

धार में तीन दिन से सुर्खियों में बने कारम डैम की वॉल पर आखिरकार शासन-प्रशासन ने JCB चला दी। 50 घंटे की मशक्कत के बाद भी जब डैम को बचाने की कोशिशें नाकाम नजर आईं, ताे इसकी दीवार को तोड़ने का फैसला लिया गया। शनिवार रात 11.30 बजे वॉल तोड़कर बांध से पानी निकालना शुरू किया गया। चैनल को अब 4 फीट चौड़ा और 10 फीट गहरा किया जा रहा है। इससे पानी और तेजी से बांध से बाहर निकलेगा। अभी तक चैनल को 2 फीट चौड़ा और 6 फीट गहरा रखकर पानी छोड़ा जा रहा है। ये पानी आगे जाकर महेश्वर में नर्मदा में गिरेगा। डैम फूटने के डर से धार जिले के 13 और खरगोन जिले के 6 गांवों के लोग पहाड़ों और राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ताजा हालात की जानकारी देते हुए कहा, शनिवार को लगभग 10 क्यूसेक के बहाव को हम आज 30 क्यूसेक तक ले गए हैं। इसको और बढ़ाने के जो उपाय हो सकते हैं, हम उन पर भी विचार कर रहे हैं। हमारी कोशिश जल्द से जल्द बांध का पानी खाली करने की है। डैम साइट पर हमारे तीनों मंत्री तुलसीराम सिलावट, राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव और प्रभुराम चौधरी मौजूद हैं।

चैनल को धीरे-धीरे गहरा और चौड़ा करेंगे

 कारम डैम के पानी की सुरक्षित तरीके से निकासी की व्यवस्था की गई है। इसके लिए जो चैनल बनाई गई है, उसके संबंध में हमारी कोशिश है कि धीरे-धीरे उसे और गहरा और चौड़ा करें, ताकि पानी की निकासी ज्यादा तेजी से हो और लोगों को वापस अपने घरों में पहुंचाया जा सके।

आगे उन्होंने कहा- अस्थाई कैंप में लोगों के रहने, खाने की व्यवस्था की गई है। साथ ही सीनियर अफसरों को भी वहां तैनात किया गया है। इसी तरह पशुओं के शेल्टर की भी व्यवस्था की है। जिसमें पानी व चारे का इंतजाम है। इसी तरह हाईवे पर भी पर्याप्त टीम जुटी हुई है। कारम डैम में जहां से अभी पानी की निकासी हो रही है, हम कोशिश करेंगे कि ज्यादा मशीनें लगाकर काम और तेजी से करा लें।

नहीं हो सकी डैम की मरम्मत

जल संसाधन विभाग काे 8 दिन पहले से पता चल गया था कि डैम का जलस्तर बढ़ने लगा है। तकनीकी खामियों का भी अंदाजा लग चुका था, बावजूद सुधार काे लेकर अनदेखी की गई। इसके चलते 22 हजार से अधिक लाेगाें काे सुरक्षित जगह पहुंचाने के बाद शनिवार देर रात 44 गांवों के हिस्से के पानी काे बहाना पड़ा। मामले में सरकार की नाकामी पर सवाल उठने लगे ताे मंत्री से लेकर प्रशासनिक अमले काे माैके पर पहुंचकर व्यवस्था संभालना पड़ी। सेना की भी मदद ली गई, लेकिन 50 घंटे गुजरने के बाद भी बांध की मरम्मत नहीं हो सकी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी डैम की सिचुएशन पर नजर रखे हुए हैं। सुबह 6 बजे ही उन्होंने अपने निवास से फोन के जरिए धार और खरगोन के अधिकारियों से बात की। मौके पर मौजूद मंत्री तुलसी सिलवाट से भी स्थिति की जानकारी ली। राहत शिविरों में ठहरे लोगों के लिए भी व्यवस्थाओं को लेकर निर्देश दिए।

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