फाइटर प्लेन के लिए दीवाना पन – राणा और अद्वितीय की अद्वितीय शहीदी,एयर फोर्स
फाइटर प्लेन के लिए दीवाना पन – राणा और अद्वितीय की अद्वितीय शहीदी,एयर फोर्स
फाइटर प्लेन के लिए ऐसा पागलपन नहीं देखा:अद्वितीय के चाचा बोले- एयरफोर्स के लिए पैशनेट था; राणा 15 दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थेजोधपुर 5 घंटे पहले बाड़मेर के उत्तरलाई एयरबेस से मिग-21 उड़ान भरने के बाद चंद सेकेंड में ही क्रैश हो गया। इस हादसे में इंडियन एयरफोर्स ने अपने दो जांबाज पायलट विंग कमांडर मोहित राणा और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल को खो दिया। हादसा गुरुवार रात जिले के भीमड़ा गांव से 2 किलोमीटर दूर हुआ।दोनों अपनी बहादुरी दिखाते हुए फाइटर प्लेन को आबादी से दूर ले गए और रेत के टीलों पर क्रैश लैंडिंग कराई।
ये दोनों बचपन से एयरफोर्स के लिए जुनूनी थे और फाइटर प्लेन हमेशा से इनका पैशन रहा।इनकी शहादत की खबर के बाद से इनके पैतृक गांवों में शोक है और परिवारों में कोहराम मचा है। विंग कमांडर राणा हिमाचल प्रदेश के मंडी और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय जम्मू के मेलू गांव के रहने वाले थे। इनकी यादें ही अब परिवार और गांववालों के साथ हैं। पूरे परिवार के साथ आए थे गांव मोहित राणा का पैतृक घर और ननिहाल दोनों ही मंडी के बोहल गांव में है। वे 15 दिन पहले ही गांव आए थे। उन्होंने आर्मी से रिटायर्ड अपने पिता, माता, पुणे से आए सास-ससुर ,पत्नी और तीन साल की बेटी के साथ कुलगुरु बाबा कमलाहिया के दर्शन किए थे।
राणा के बुआ के बेटे सुभाष चंद्र ने बताया कि 15 दिन पहले ही वह गांव से राजस्थान बाड़मेर में ड्यूटी पर गए थे। उन्होंने बताया मोहित की दो बहनें हैं जो मुंबई में सैटल हैं। हादसे की जानकारी मिलने के बाद वे सभी रिश्तेदारों के साथ रवाना हो चुकी हैं।
विग कमांडर मोहित राणा: हिमाचल प्रदेश के मंडी के रहने वाले थे। दिसंबर 2005 में एयरफोर्स में शामिल हुए। अपनी स्क्वाड्रन के फ्लाइंग कमांडर थे।
खासियत: राणा को बेहद अनुभवी और कुशल पायलट माना जाता था। वे किसी भी तरह की विषम परिस्थिति में प्लेन को बेहद आसानी के साथ संभाल लेने में माहिर माने जाते थे।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल: परिवार सेना से जुड़ा है। 26 साल के अद्वितीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात थे।
खासियत: 4 साल में ही एयरफोर्स में अपनी काबिलियत को साबित कर चुके थे। सीनियर अधिकारियों के भरोसेमंद फ्लाइट कमांडर रहे।