Titar Palan : तीतर पालन से बन जाओंगे रोडपति से करोड़पति कम लागत में होता है मोटा मुनाफा

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Titar Palan : तीतर पालन से बन जाओंगे रोडपति से करोड़पति कम लागत में होता है मोटा मुनाफा पशुपालन और मुर्गी पालन तो आम बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं देश के ग्रामीण इलाकों और जंगलों में पाए जाने वाला एक ऐसा पक्षी है जिसकी पालन से मुर्गी पालन से भी ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है? जी हां, वह है तीतर पालन!

आपको बता दे की तीतर पालन इन दिनों किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. इसकी वजह है इससे होने वाला मुनाफा. मात्र दो महीने में ही किसान इससे अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं.

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कम जगह, कम खर्च, ज्यादा मुनाफा

तीतर का आकार छोटा होता है और वजन भी कम होता है. इस वजह से इन्हें पालने के लिए ज्यादा जगह या खाने की जरूरत नहीं पड़ती. ऐसे में किसानों को इन पर ज्यादा निवेश नहीं करना पड़ता. आप चाहें तो शुरुआत में 10-20 तीतरों को घर पर ही पालना शुरू कर सकते हैं.

सेहत के लिए भी फायदेमंद

तीतर का मांस और अंडा न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. तीतर के अंडों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. साथ ही इनके अंडों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम होती है. कई बीमारियों में इनके अंडों का सेवन फायदेमंद बताया जाता है.

आसान बिक्री, अच्छी कमाई

तीतर का मांस बहुत स्वादिष्ट होता है, इसलिए लोग इसके अंडों और मांस को बड़े चाव से खाते हैं. बाजार में इनकी अच्छी डिमांड रहती है और इन्हें अच्छे दामों में बेचा जा सकता है. आप आसानी से अपने आसपास के बाजार में तीतर के अंडे और मांस बेच सकते हैं. स्थानीय बाजार में एक तीतर 80 से 100 रुपये तक में बिक जाता है. मुर्गियों के मुकाबले इनका मांस भी ज्यादा कीमत पर बिकता है. इससे किसान तीतर पालन से अच्छी आमदनी कर सकते हैं.

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लाइसेंस जरूरी, सरकारी मदद भी

हालांकि, तीतर पालन करने के लिए सरकारी लाइसेंस लेना जरूरी होता है. दरअसल, बेरहमी से शिकार किए जाने की वजह से जंगली तीतर विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गए थे. इसीलिए सरकार ने इनके शिकार और बिना लाइसेंस पालन पर रोक लगा दी है. अगर आप तीतर पालन करना चाहते हैं तो आपको पहले वन विभाग से लाइसेंस लेना होगा.

अच्छी बात ये है कि सरकार इस तरह के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए किसानों को आर्थिक मदद भी मुहैया कराती है. ये ऐसा धंधा है जिसे आप बहुत कम समय में शुरू कर सकते हैं. इससे एक तरफ जहां तीतरों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी तरफ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.

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