Wine Beer: क्यों कहते हैं शराब पीते समय गिलास टकराते हुए चीयर्स? कड़वा सच जानकर हो जायेगे हक्के बक्के
Wine Beer: क्यों कहते हैं शराब पीते समय गिलास टकराते हुए चीयर्स? कड़वा सच जानकर हो जायेगे हक्के बक्के ,आपने जब भी फिल्मों में या पार्टियों में किसी को शराब पीता है तो उसे चीयर्स बोलते हैं या गिलास का आपस में टकराते देखा ही होगा हैं लेकिन आपने कभी ये सोच है कि इसका क्या मतलब है और ऐसा किस लिए किया जाता है.
क्यों कहते हैं शराब पीते समय गिलास टकराते हुए चीयर्स?
शराब पिने का दौर आज का ही नहीं है यह राजा महाराजा के जमाने से चला आ रहा है इस उस समय मदिरा कहा जाता था साथ ही शराब पीने का कोई भी दौर गिलासों को आपस में टकराने और चीयर्स (Cheers) के उत्साहवर्धक नारे के बिना शुरू नहीं होता. बहुत बार ऐसा हुआ होगा कि आपके दोस्तों ने आपको बिना गिलास टकराए या चीयर्स (Cheers) बोले शराब पीने की शुरुआत करने के लिए टोका होगा और फिर आपने संकोचवश सिर हिलाते हुए और उत्साहपूर्वक अपना गिलास बाकी सभी के गिलास से मिलाया होगा. आइये जानते है इसके पीछे का कारन –
दोस्तों चलिए हम आपको इसके बारे में सब कुछ बताते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस रिवाज से जुड़ी एक बहुत लोकप्रिय मान्यता है. प्राचीन यूरोप में शराबखानों और दावतों के दौरान बीयर के गिलासों का बजना बहुत आम बात थी. गिलासों को चटकाया जाता था जिससे दूसरे व्यक्ति के गिलास में थोड़ी सी शराब गिर जाए. इस बात से यह साबित किया जाता था कि आपने अपने साथी की ड्रिंक में जहर नहीं मिलाया है.
Wine Beer: क्यों कहते हैं शराब पीते समय गिलास टकराते हुए चीयर्स? कड़वा सच जानकर हो जायेगे हक्के बक्के
दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब योद्धा, रईस और दरबारी मौज-मस्ती और शराब पीने के लिए शाम को बैठते थे, तो उनके बीच नशे में झगड़े और व्यक्तिगत दुश्मनी हो जाना बेहद आम बात हुआ करती थी, इसलिए गिलास चटकाने और अपनी शराब दूसरे के गिलास में गिराने का मतलब था कि वो एक दूसरे को मारने की कोशिश नहीं कर रहे थे. हालांकि, इतिहास में इस प्रथा का कोई सबूत नहीं है.
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इसके साथ ही इसके पीछे एक और प्रचलित कारण थोड़ा अधिक मनो वैज्ञानिक है. माना जाता है कि गिलासों की खनक की आवाज पीने के मजे को और भी ज्यादा बढ़ा देती है क्योंकि ऐसा करने में शरीर की एक और इंद्री यानी सुनने की इंद्री भी एक्टिव हो जाती है. माना जाता है कि शराब, विशेष रूप से वाइन, का सबसे अच्छा आनंद तब लिया जाता है जब सभी इंद्रियां इसमें शामिल होती हैं. इसी वजह से लोग चीयर्स बोलते हैं, जिससे उनके अंदर ऊर्जा का वास हो और सुनने की इंद्रियां एक्टिव हो जाएं.