ग्रामीणों ने 7 फीट के अजगर का किया अंत , दहशत में ग्रामीण
ग्रामीणों ने 7 फीट के अजगर का किया अंत,दहशत में ग्रामीण
सारणी के पीके माइंस इलाके में एक अजगर की लाठियों से पीटकर हत्या कर दी गई। इस मामले में वन विभाग ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। वन अमला इस हत्या की जांच कर रहा है। वन्य प्राणी संरक्षक आदिल खान ने इस मामले की शिकायत की थी। बताया जा रहा है कि अजगर मुर्गियां खाने पहुंचा था। इस दौरान भीड़ ने उसे लाठियों से पीटकर मार डाला।
सारनी की बंद हो चुकी पीके टू माइन्स के सामने मौजूद पाथाखेड़ा स्थित बजरंग कॉलोनी में उस समय लोग दहशत में आ गए, जब लगभग सात फिट लंबा अजगर मुर्गी को खाने का प्रयास कर रहा था। इसके बाद वहां भीड़ जुट गई और भीड़ में मौजूद लोगों ने अजगर को मार दिया, जिसका वीडियो वायरल होने पर सारनी निवासी वाइल्ड लाइफ एंड नेचर कंजर्वेशन एक्टिविस्ट आदिल खान ने इसकी सूचना उत्तर वन मंडल डीएफओ को दी, जिसके बाद मौके पर सारनी रेंज का वन अमला पहुंचा और मृत अजगर की डेड बॉडी को कब्जे में लेकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
सारणी के प्रभारी रेंजर जीएस पवार ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद मृत अजगर बरामद किया गया है। हत्या भीड़ द्वारा किया जाना सामने आया है। जिसका पीआर जारी किया गया है।
शेड्यूल एक में आता है अजगर
आदिल ने बताया कि उन के माध्यम से लगभग 80 से 90 फ़ीसदी सांपों का रेस्क्यू निशुल्क किए जाते हैं, परंतु फिर भी जागरूकता की कमी के चलते लोगों ने अजगर को मार दिया जबकि वन विभाग को इस संबंध में मुहिम चलाना चाहिए और जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरुक करना चाहिए।
आदिल ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि अजगर को इंडियन रॉक पाइथन भी कहा जाता है और इसे वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत शेड्यूल एक में रखा गया है, आपको जानकारी के लिए बता दें कि बाघ और तेंदुआ भी शेड्यूल एक में ही आता है, अजगर को संरक्षण प्राप्त है और जितनी सज़ा किसी बाघ या तेंदुए को मारने पर होती है उतनी ही अजगर मारने पर भी होती है। आदिल ने जानकारी देते हुए बताया कि अजगर जहरीले नहीं होते और ज़्यादातर दलदली इलाकों के आसपास रहते हैं, जहां यह अजगर निकला था वह क्षेत्र वन क्षेत्र से बिल्कुल सटा हुआ है और एक तरह से देखा जाए तो अजगर का नेचुरल हैबिटेट है फिर भी लोगों ने उसे मार दिया जो कि पूर्ण रूप से कानून का उल्लंघन है।