सोयाबीन की ये टॉप उन्नत किस्मो से होगा रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन, कम लागत में हो जायेंगे मालामाल, देखे पूरी जानकारी

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soyabean variety

धिक उपज पाने के लिए किसानों को सोयाबीन की उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिए. आज हम देश के किसानों के लिए सोयाबीन की उपज बढ़ाने वाली 5 बेहतरीन किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं. ये किस्में 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज देने में सक्षम हैं.

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सोयाबीन की खेती कैसे बढ़ाए लाभ (Benefits of Improved Soybean Varieties)

सोयाबीन की फसल खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों में भी शामिल है. बाजार में सोयाबीन से कई तरह के खाद्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं. जैसे – सोयाबीन का तेल, सोया पनीर, सोयाबड़ी, सोया दूध आदि. इन सभी चीजों की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. ऐसे में सोयाबीन की खेती किसानों के लिए लाभदायक फसल है. बता दें कि हमारे देश में सोयाबीन की खेती ज्यादातर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के किसान करते हैं.

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अगर आप सोयाबीन की खेती से अच्छी पैदावार और मोटा मुनाफा लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिए. लेकिन अगर आपको सोयाबीन की उन्नत किस्मों के बारे में नहीं पता है तो चिंता न करें, आज हम आपके लिए सोयाबीन की टॉप 5 उन्नत किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं. दरअसल, जिन उन्नत किस्मों की हम बात करने जा रहे हैं. वो लगभग 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज देने में सक्षम हैं.

सोयाबीन की टॉप 5 किस्में (Top 5 Soybean Varieties in Hindi)

फुले संगम (KDS 726) किस्म: देश के कई राज्यों में किसान इस उन्नत किस्म की सोयाबीन की खेती करते हैं. इस किस्म से किसानों को लगभग 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज मिल सकती है. फुले संगम (KDS 726) किस्म की खेती किसान अपने खेतों में 15 जून से 25 जुलाई तक कर सकते हैं.

जेएस 2069 किस्म: इस उन्नत किस्म की सोयाबीन की खेती किसान अपने खेतों में 15 से 22 जून तक कर सकते हैं. जेएस 2069 किस्म की सोयाबीन से किसानों को लगभग 26 क्विंटल प्रति एकड़ की उपज मिल सकती है.

प्रताप सोया-1 (RUS 5) किस्म: इस उन्नत किस्म की सोयाबीन की खेती उत्तर-पूर्वी राज्यों में किसान करते हैं. इस उन्नत किस्म से किसानों को लगभग 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज मिल सकती है. इसकी खेती के लिए 15 से 30 जून का समय उपयुक्त माना जाता है.

एमयूएस 81 (शक्ति) किस्म: इस किस्म की सोयाबीन की खेती मध्य भारत के किसान सबसे ज्यादा करते हैं. इसकी खेती के लिए 15 से 30 जून का समय उपयुक्त माना जाता है. एमयूएस 81 (शक्ति) किस्म की सोयाबीन से किसानों को लगभग 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज मिल सकती है.

एमएसपीएस 1707 किस्म: इस उन्नत किस्म की सोयाबीन की खेती देश के विभिन्न राज्यों में की जाती है. खासकर एमएसपीएस 1707 किस्म की सोयाबीन की खेती छत्तीसगढ़, असम, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी राज्यों के किसान करते हैं. इसकी खेती के लिए 20 जून से 5 जुलाई तक का समय उपयुक्त माना जाता है.

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