सावन महीना – इस पावन मंदिर में होते है , शिव के अनोखे रूप के दरशन ,एक हजार शिवलिंग का समावेश है एक लिंग में
सावन महीना – इस पावन मंदिर में होते है , शिव के अनोखे रूप के दरशन ,एक हजार शिवलिंग का समावेश है एक लिंग में
मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के बढ़ियाखेड़ी में एक दुर्लभ शिवलिंग स्थापित है। अंग्रेजी शासन काल की ये शिवप्रतिमा अपने आप में बेहद खास है। एक ही शिवलिंग में एक हजार लिंग समाहित होने के चलते इसे सहस्त्रलिंगम कहते हैं। कहा जाता है कि पूरे भारत में ऐसे केवल तीन ही शिवलिंग हैं, जिसमें से एक मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में है। यही वजह है कि इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। प्रदेश के कई जिलों से श्रद्धालु इस अद्भुत शिवलिंग के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे हैं। सावन, महाशिवरात्रि में यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है। आम दिनों में भी भक्त भगवान शिव के दर्शन और पूजा पाठ करने के लिए सहस्त्रलिंगम धाम पहुंचते हैं।
स्वयंभू है शिव प्रतिमा
सहस्त्रलिंगम करीब 200 साल पुराना है। शिवलिंग स्वयंभू है। कहा जाता है कि सीवान नदी से यह सहस्त्रलिंगम खुदाई के दौरान प्राप्त हुआ था। इस मंदिर में आने वाले हर भक्त की मुराद महादेव पूरी करते हैं और उसकी झोली खुशियों से भर देते हैं। आज तक इस चमत्कारी धाम से कोई भी भक्त निराश होकर नहीं लौटा है। इस मंदिर को सीहोर जिले के सबसे पुराने शिवालय होने के गौरव भी प्राप्त है।
करीब 200 साल पुराना है मंदिर
मंदिर के पुजारी सुरेश शर्मा ने बताया कि अंग्रेजों के समय पास में ही सीवन नदी में खुदाई के दौरान यह शिवलिंग प्रतिमा मिला थी। यह करीब 200 वर्षों से अधिक पुरानी है। शिवरात्रि, सावन में यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है। दूर दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।