Pradeep Mishra के कुबेरेश्वरधाम में पहुंचे लाखों लोग भगदड़ मचने से व्यवस्था हुई गड़बड़ जानिये पूरी खबर

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Pradeep Mishra के कुबेरेश्वरधाम में पहुंचे लाखों लोग भगदड़ मचने से व्यवस्था हुई गड़बड़ जानिये पूरी खबर

Pradeep Mishra के कुबेरेश्वरधाम में पहुंचे लाखों लोग भगदड़ मचने से व्यवस्था हुई गड़बड़ जानिये पूरी खबर कथावाचक प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra ) इन दिनों अपने रुद्राक्ष वितरण महोत्सव को लेकर चर्चा में हैं. मध्य प्रदेश के सीहोर में स्थित कुबेरेश्वर धाम में देश भर से लोग रुद्राक्ष लेने के लिए आ रहे हैं. बता दें कि भक्तों की संख्या इतनी अधिक है कि गुरुवार को भगदड़ मच गई थी तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि यह रुद्राक्ष क्या है और कैसे बनता है

बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा कहते हैं कि ये रुद्राक्ष इतना ज्यादा सिद्दकारी है कि अगर लोग इसे पानी में डालते और उसके बाद उस पानी का सेवन करते हैं. इसके के प्रभाव से उनके स्वास्थ्य को आराम मिलता है और  सभी बीमारियां दूर जड़ से हो जाती हैं.

रुद्राक्ष क्या है?
मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष में शिव यानी रुद्र का वास होता है. इसलिए माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से किसी भी व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है. इसका प्रभाव ऐसा होता है कि पहनने वाले के पास नकारात्मक शक्तियां या ऊर्जा नहीं आती हैं. सद्गुरु जग्गी वासुदेव महाराज के ईशा फाउंडेशन की वेबसाइट के अनुसार रुद्राक्ष, एक पेड़ का सूखा हुआ बीज है. वहीं विज्ञान की भाषा में रुद्राक्ष के पेड़ को एलोकार्पस गुनीट्रस कहा जाता है. मुख्य रूप ये यह दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ स्थानों में उगाया जाता है. भारत में भी कई पहाड़ी इलाकों में एक विशेष ऊंचाई पर यह पेड़ पाया जाता है. 

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रुद्राक्ष कैसे बनता है?
मान्यता है कि रुद्राक्ष, हिमालय की तलहटी में उगने वाले एलेओकार्पस गनीट्रस पेड़ के सूखे बीज और भगवान शिव के आंसुओं से बने हैं और इसलिए के चलते लोग उन्हें इतना पवित्र मानते हैं.

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एक से 14 मुखी तक रुद्राक्ष को माना जाता है किसका प्रतीक 
बता दें कि अलग मुखी के रुद्राक्ष को अलग-अलग प्रतीक माना जाता है. जैसी एक मुखी रुद्राक्ष को भगवान शंकर, 2 मुखी रुद्राक्ष को अर्द्धनारीश्वर, 3 मुखी रुद्राक्ष को अग्नि का स्वरूप, चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मस्वरूप, 5 मुखी को कालाग्नि का स्वरूप, छह मुखी  रुद्राक्ष को कार्तिकेय, 7 मुखी रुद्राक्ष को कामदेव, 8 मुखी रुद्राक्ष को गणेश और भगवान भैरव का, 9 मुखी रुद्राक्ष को मां देवी भगवती और शक्ति का, 10 मुखी रुद्राक्ष  को दशों-दिशाओं और यम का, 11 मुखी रुद्राक्ष को साक्षात भगवान रुद्र, 12 मुखी रुद्राक्ष को सूर्य, अग्नि और तेज का, 13 मुखी रूद्राक्ष को विजय और सफलता का और चौदह मुखी रुद्राक्ष को भगवान शंकर स्वरूप माना जाता है.

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