नक्से से होगा बाहर,समुद्र में डूबने वाली है इस देश की राजधानी, राष्ट्रपति ने लिया उलटफेर का फैसला

0
jakarta 70702708

नक्से से होगा बाहर,समुद्र में डूबने वाली है इस देश की राजधानी, राष्ट्रपति ने लिया उलटफेर का फैसला,इंडोनेशिया अपनी राजधानी को जकार्ता से हटाकर बोर्नियो शिफ्ट कर रहा है. जकार्ता तेजी से समुद्र में समा रहा है जिस कारण राष्ट्रपति जोको विडोडो ने यह फैसल लिया है. हालांकि, नई राजधानी भी विवादों के घेरे में आ गई है क्योंकि जिस जगह पर इसे बसाया जा रहा है, वो जंगली इलाका है।

तेजी से डूब रही इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता अब देश की राजधानी नहीं रहेगी. भीड़भाड़, प्रदूषित, भूकंप के प्रति संवेदनशील और तेजी से जावा सागर में डूब रहे जकार्ता को छोड़कर बोर्नियो द्वीप पर नई राजधानी बसाई जा रही है. बोर्नियो के पूर्वी कालीमंतन प्रांत में 256,000 हेक्टेयर भूमि पर नई राजधानी बन रही है. इंडोनेशिया के अधिकारियों का कहना है कि नई राजधानी एक ‘टिकाऊ फॉरेस्ट सिटी’ होगी जहां विकास के लिए पर्यावरण की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता दी जाएगी. नई राजधानी को 2045 तक कार्बन-न्यूट्रल बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

यह भी पढ़े – गाँव हो या शहर अब नहीं होगी Set-Top Box की अनिवार्यता, 200 से ज़्यादा चैनल हुए मुफ़्त, देखे पूरी खबर

नई राजधानी जहां बसाई जा रही है, वो जंगली इलाका है जहां कई प्रजाति के जानवर और आदिवासी रहते हैं. ऐसी जगह पर राजधानी बसाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है कि राजधानी बड़े पैमाने पर वनों की कटाई का कारण बनेगी, वनमानुषों जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों के आवास को खतरा होगा और आदिवासियों का आवास भी छीन जाएंगे।

क्यों हो रहा है राजधानी का बदलाव

जकार्ता में लगभग एक करोड़ लोग रहते हैं. इसे दुनिया का सबसे तेजी से डूबने वाला शहर बताया गया है, और मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है है कि 2050 तक शहर का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न हो सकता है. इसका मुख्य कारण अधिक मात्रा में भूजल को निकालना बताया जा रहा है. जलवायु परिवर्तन के कारण जावा सागर और बढ़ता जा रहा है जिसमें राजधानी समाती जा रही है।

जकार्ता की हवा और भूजल बेहद प्रदूषित हैं और यहां नियमित रूप से बाढ़ आती रहती है. जकार्ता में इतने अधिक लोग हैं कि इसकी गलियों में चल पाना मुश्किल होता भीड़ के कारण इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था को प्रति वर्ष 4.5 अरब डॉलर का नुकसान होता है

यह भी पढ़े – H3N2 Influenza Virus: अब भारत में जानलेवा हुआ खतरनाक H3N2 वायरस, केरल और हरियाणा में 2 मौतों से मचा हड़कंप

राष्ट्रपति जोको विडोडो ने जकार्ता की इन दिक्कतों को देखते हुए देश की एक नई राजधानी बनाने की कल्पना की थी जो कि अब साकार हो रही है. उन्होंने कम आबादी वाले एक टिकाऊ राजधानी के निर्माण की अनुमति दी है।

कैसी होगा नई राजधानी का रूप ?

विडोडो बोर्नियो द्वीप पर नुसंतारा शहर स्थापित कर रहे हैं. नुसंतारा इंडोनेशिया का एक पुराना शब्द है जिसका अर्थ होता है- द्वीपसमूह. इस नई राजधानी में सर सिरे से बनाया जाएगा।

पहले अनुमान लगाया गया कि 15 लाख सिविल सेवकों को जकार्ता से हटाकर नई राजधानी में रखा जाएगा, हालांकि अभी मंत्रायल और सरकारी एजेंसियां इस संख्या को अंतिम रूप देने पर काम कर रही हैं। नुसंतारा नेशनल कैपिटल अथॉरिटी के प्रमुख बंबांग सुसांतोनो ने कहा कि नया राजधानी शहर ‘फॉरेस्ट सिटी’ की अवधारणा को लागू करेगी, जिसमें 65% क्षेत्र पर पुन: जंगल लगाए जाएंगे।

इंडोनेशिया के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अगले साल 17 अगस्त को शहर का उद्घाटन होने की उम्मीद है. नई राजधानी के अधिकारियों ने कहा कि साल 2045 में इंडोनेशिया अपना सौंवा वर्षगांठ मनाएगा. कहा जा रहा था कि राजधानी को पूर्ण रूप से 2045 तक बना दिया जाएगा लेकिन यह संभव नहीं लगता।

यह भी पढ़े – 31 मार्च से पहले पूरा करलें अपने इस काम को, नहीं तो हो सकता है आपको लाखो का भारी नुकसान

पड़ सकता है आदिवासियों पर असर

नई राजधानी के निर्माण के कारण 100 से अधिक बालिक आदिवासियों और कम से कम पांच गांवों को हटाया जा रहा है. जैसे-जैसे राजधानी का काम आगे बढ़ेगा और आदिवासिय को विस्थापित किया जाएगा.

सरकार ने कहा कि नई राजधानी को स्थानीय समुदाय के नेताओं से समर्थन मिला है, और जिन लोगों की जमीन नई राजधानी के निर्माण के लिए ली जा रही हैं, उन्हें मुआवजा दिया गया है.

हालांकि, स्थानीय नेता सिबुकदीन ने कहा कि सरकार आदिवासियों पर दबाव डाल रही है कि वो अपनी जमीन दे. बिना जमीन के कीमत की गणना किए लोगों को बेहद कम मुआवजा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोग मुआवजा लेने के लिए मजबूर हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बहुचर्चित खबरें