मध्यप्रदेश में खुलेगा साइंस पार्क पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

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BHOPAL मध्यप्रदेश में बच्चों और नौजवानों के बीच विज्ञान का माहौल बनाने, विज्ञान की समझ और दिलचस्पी बढ़ाने के लिए अनूठा प्रयोग किया जा रहा है. एक साइंस पार्क डेवलप किया जाएगा, जिसमें वैज्ञानिक सिद्धांतों को इंटरैक्टिव तरीके से समझाने के लिए एक्सप्लोराटोरियम, तारामंडल, विज्ञान आविष्कार गैलरी होगी. साइंस बेस्ड फिल्में दिखाने के लिए एडवांस्ड थिएटर होगा और कोडिंग लैब में स्टूडेंट्स कोडिंग सीखेंगे. यहां से सर्टिफिकेट कोर्स भी किया जा सकेगा. इसके अलावा क्यूरियोसिटी लैब में बच्चों के विज्ञान आधारित हर सवाल का जवाब टीचर देंगे

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मध्य प्रदेश सरकार विज्ञान को लेकर बड़े कदम उठा रही है. हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपी साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन नीति-2022 का विमोचन किया. यह देश की अपने आप में पहली ऐसी पॉलिसी है, जो साइंस को लेकर स्टेट में लॉन्च की गई. मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के डीजी प्रो. अनिल कोठारी और यह पॉलिसी बनाने वाली कोर कमेटी का हिस्सा रहे व आईआईटी गांधीनगर के डायरेक्टर प्रो. रजत मूना ने बताया इस पॉलिसी के तहत विज्ञान को लेकर ऐसा इकोसिस्टम डेवलप करेंगे कि शुरूआती लेवल पर ही बच्चे विज्ञान से जुड़ने के लिए प्रेरित हो सकें

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Science Park : आपने कभी साइन्स टूरिज़्म किया है? बच्चों की जिज्ञासाओं और विज्ञान या तकनीक से जुड़े सवालों के जवाब तलाशे हैं? बच्चे कोडिंग सीखना चाहें तो क्या आपके पास कोई उपाय है? ऐसे और भी कई प्रश्नों के उत्तर साइन्स पार्क में मिलेंगे. यहां विज्ञान समझना तो आसान होगा ही, कोर्स भी किए जा सकेंगे. देखिए तमाम डिटेल्स

मध्यप्रदेश में खुलेगा साइंस पार्क पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

मध्यप्रदेश में खुलेगा साइंस पार्क पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा साइंस पार्क बनने से विज्ञान आधारित पर्यटन स्थलों को बढ़ावा मिलेगा. जैसे भोपाल के पास से गुजरती कर्क रेखा को देखने के लिए पर्यटकों को खास न्योता दिया जाएगा. इसके साथ ही साइंस एंड टेक्नोलॉजी बेस्ड स्टार्टअप के लिए खास इनक्यूबेशन सेंटर होंगे. कोठारी ने यह भी बताया कि यहां स्वदेशी जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों की पहचान करने के लिए आयुष और आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों (जैसे बायोप्रोस्पेक्टिंग, जैव रासायनिक परीक्षण, रचना विश्लेषण, नैनो तकनीक कार्यात्मक जीनोमिक्स और प्रोटिओमिक्स आधारित अनुसंधान) की सुविधा भी होगी. इंटैलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट के तहत जानकारी संरक्षण और रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा

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