Bageshwar Dham : कौन है बागेश्वर धाम के महाराज धीरेन्द्र शास्त्री, धीरू’ ऐसे बने धीरेंद्र शास्त्री ?

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Bageshwar Dham : कौन है बागेश्वर धाम के महाराज धीरेन्द्र शास्त्री, धीरू’ ऐसे बने धीरेंद्र शास्त्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की माता प्यार से उनको धीरू कहकर बुलाती हैं. धीरू के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बनने की कहानी दिलचस्प है

Bageshwar Dham : बागेश्वर धाम के महाराज धीरेन्द्र शास्त्री, धीरू’ ऐसे बने धीरेंद्र शास्त्री  बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) अपने बयानों के लिए सोशल मीडिया पर लगातार चर्चा में बने हुए हैं. हर कोई जानना चाहते है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अचानक इतने फेमस कैसे हो गए और उनका प्रारंभिक जीवन कैसा था? वह कथावाचक कब बने? उन्होंने पर पहली बार कथा कब और कहां सुनाई? कथावाचक बनने की प्रेरणा उनको किससे मिली? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के परिवार को आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ा था, तब उनकी माता ने भैंस का दूध बेचकर उनका भरण-पोषण किया था. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मां उनको बचपन से धीरू कहकर बुलाती हैं. आइए जानते हैं कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, धीरू से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर कैसे बने?

Bageshwar Dham : कौन है बागेश्वर धाम के महाराज धीरेन्द्र शास्त्री, धीरू’ ऐसे बने धीरेंद्र शास्त्री

Pandit Dhirendra Krishna Shastri : मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गड़ा में स्थित सिद्ध स्थान बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) इन दिनों पूरे भारत में चर्चा का विषया बना हुआ है। बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham Sarkar) में रोजाना लाखों की तादात में भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंच रहे है। बताया जा रहा है कि बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham Sarkar) के मुख्य पंड़ित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) भक्त को देखकर ही बता देते है कि उनके मन में क्या चल रहा है। बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) में आप जैसे ही पहुंचते है आपके उपर जो भी साया होता है । वो अपने आप ही उतर जाता है। महाराज धाम पर आए हर एक व्यक्ति के मन की बात जान लेते है। और उनके दुखो को दूर करने के उपाय भी बता देते है। इतना ही नहीं पंडीत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कृपा से धाम में हर दिन भंडारा चालू रहता है।

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पंडीत धीरेन्द्र शस्त्री की शिक्षा

पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) एक गरीब परिवार से थे, इसलिए उनको उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं पाई थी। वह सरकार स्कूल में ही पढ़ें। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) 8वी तक अपने गांव में ही पढ़ाई की थी। इसके बाद की पढ़ाई के लिए वो 5 किलोमीटर पैदल चल कर गंज में आते थे। उन्होंने 12वी तक की पढ़ाई गंज से की थी। और बीए प्राइवेट किया। इसके बाद उनको समाज सेवा और मानव सेवा मे लग गए और पढ़ाई छोड़ दी। बताया जाता है कि पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) का परिवार बहुत गरीब था। उनके भाई और बहन भी साथ-साथ रहते थे। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) ने 9 साल की उम्र से ही बालाजी सरकार की सेवा करना शुरू कर दी थी। उनसे पहले उनके दादाजी बालाजी सरकार का दरबार चलाया करते थे। धीरे धीरे वह 12 साल की उम्र से हनुमान जी की कृपा से भागवत गीता का प्रवचन देने लगे। और वही बालाजी जी के दरबार में साधना किया करते थे। इसी साधना का उन पर ऐसा असर हुआ की, बालाजी की कृपा से उन्हें अनेको सिद्धियां प्राप्त हुई।

ऐसा बीता धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बचपन

जानकारी के मुताबिक, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन से ही हठीले और चंचल-चतुर स्वभाव के थे. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुई. हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी उन्होंने गांव के ही एक स्कूल से की. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता पूजा-पाठ का काम करवाकर परिवार का पालन-पोषण करते थे. हालांकि, बंटवारा होने के बाद उनके परिवार पर आर्थिक संकट छा गया था. इस दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की माता ने भैंस का दूध बेचा और परिवार को पाला.

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कथावाचक बनने का सफर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कम उम्र से ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने गांव में लोगों को कथा सुनाना शुरू कर दिया था. धीरे-धीरे कथा सुनाने में वह निपुण हो गए थे. साल 2009 में उन्होंने पहली बार भागवत कथा पास के ही एक गांव में सुनाई थी. धीरे-धीरे वह आसपास के गांवों में भी फेमस हो गए. हालांकि, बुलडोजर वाले बयान के बाद उनको खासी प्रसिद्धि मिली और तब से वह लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं.

पीठाधीश्वर कैसे बने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?

गौरतलब है कि दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री में बचपन से ही थी. उनके गांव में स्थित बागेश्वर मंदिर पर साल 2016 में विशाल यज्ञ का आयोजन किया गया था. उसमें भगवान बाला जी महाराज की एक मूर्ति की स्थापना भी की गई थी. तभी से यह जगह बागेश्वर धाम के नाम से मशहूर हो गई. बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं

महाराज के चमत्कार देखकर लोग रह जाते है दंग

बागेश्वर धाम पर आने वाले लोग पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) के चमत्कार देख कर दंग रह जाते है। महाराज से मिलने के लिए आपको अर्जी देना पढ़ती है। आप बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham Sarkar) पर जा कर टोकन ले सकते है। लेकिन अगर आप वहां नही जा सकते है। और आप जानना चाहते है की महाराज धाम (Bageshwar Dham Sarkar) में है की नही उसके लिए बागेश्वर धाम का एक हेलिपलाइन नंबर भी है।

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