किसानो को धनवान बना देंगी हल्दी की खेती, कम लागत में होगी अंधाधुन कमाई, देखे पूरी जानकारी
हल्दी की खेती न सिर्फ भारतीय खाने का एक अहम हिस्सा है बल्कि ये किसानों के लिए मुनाफे का सौदा भी साबित हो सकती है. आज हम आपको हल्दी की उन्नत किस्मों और उसकी खेती के एक खास तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. तो पढ़ते रहें!
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हल्दी की उन्नत किस्में (Advanced Varieties of Turmeric)
हल्दी की खेती के लिए कई उन्नत किस्में मौजूद हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- मिथापुर
- राजेन्द्र सोनिया
- सुगंधम
- सुदर्शना
- राशिम
- मेघा हल्दी-1
मिट्टी और जलवायु (Soil and Climate)
अगर आप भी हल्दी की खेती करने का विचार कर रहे हैं, तो मिट्टी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. हल्दी की अच्छी पैदावार के लिए दोमट या काली मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. साथ ही खेत में जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए, यानी खेत में पानी नहीं रुकना चाहिए.
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हल्दी गर्म और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से पैदा होती है. अच्छी बारिश वाले इलाके इसके लिए उपयुक्त रहते हैं.
खेत की तैयारी (Preparing the Field)
हल्दी की खेती के लिए खेत की अच्छी तैयारी करनी चाहिए. जमीन को तीन से चार बार अच्छी तरह से जोताई कर दें. इससे मिट्टी भुरभुरी हो जाती है जो पौधों की जड़ों के लिए अच्छी रहती है.
मुनाफे की संभावना (Profit Potential)
अब जानते हैं कि हल्दी की खेती से कितना मुनाफा हो सकता है. दरअसल, हल्दी की उन्नत किस्में जल्दी तैयार हो जाती हैं. ये 8 से 9 महीने में ही तैयार हो जाती हैं और प्रति हेक्टेयर 30 से 40 टन तक की पैदावार दे सकती हैं. अगर बाजार में हल्दी का दाम 80 रुपये किलो भी हो, तो किसान इससे लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं.