Kisan Update देश में रबी की बुआई चरम पर, गेहूं का रकबा 25 फीसदी बढ़ा यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने पर जोर!
Kisan Update चालू रबी सीजन में फसलों की बुआई चरम पर पहुंच गई है। सीजन की मुख्य फसल गेहूं के बुआई रकबे में 25 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। वहीं घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की मांग को देखते हुए किसानों का रुझान खेती की तरफ बढ़ा है. तिलहनी फसलों के बुवाई क्षेत्र में नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सीजन की सभी फसलों का कुल बुआई रकबा 5.26 करोड़ हेक्टेयर पहुंच गया है। जबकि पिछले साल यह 4.57 करोड़ हेक्टेयर था।
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देश के किसी भी हिस्से में खाद की कमी नहीं है।
बुवाई के चरम मौसम के बावजूद, देश के किसी भी हिस्से में उर्वरकों की कमी नहीं है। उर्वरक मंत्रालय इन दिनों देश के सभी हिस्सों में यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने पर जोर दे रहा है. रबी सीजन की बुआई अक्टूबर से शुरू हो जाती है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई के आंकड़ों के मुताबिक, रबी सीजन की सबसे बड़ी फसल गेहूं की बुआई का रकबा 2.56 करोड़ हेक्टेयर पहुंच गया है। इसकी तुलना में पिछले साल इसी अवधि में 2.03 करोड़ हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई थी।
इन राज्यों में गेहूं की अधिक खेती हुई है
राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सामान्य से 20.09 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 13.48 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 5.32 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.61 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 2.43 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.61 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 2.43 लाख हेक्टेयर में लाख हेक्टेयर, पंजाब में 1.32 लाख हेक्टेयर और हरियाणा में 1.28 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई है।
गेहूं की बुआई का रकबा बढ़ना शुभ संकेत है
फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई से जून) के दौरान गेहूं का कुल उत्पादन 109 मिलियन टन था, जबकि वर्ष 2022 में यह घटकर 106 मिलियन टन रह गया है। ऐसे में चालू रबी सीजन में गेहूं की बुआई का रकबा बढ़ना देश की खाद्य सुरक्षा के लिए शुभ संकेत है। इस साल मई में सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने और घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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रबी सीजन में धान की बिजाई 11.86 लाख हेक्टेयर पहुंची
रबी विपणन सीजन 2022-23 में गेहूं की सरकारी खरीद 43.4 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले महज 18.7 लाख टन ही हो सकी है। इसे देखते हुए उन्होंने आगे बढ़कर निजी व्यापारिक प्रतिष्ठानों से गेहूं की खरीद की है, जिससे बाजार में भाव बढ़ गए हैं। इसी तरह रबी सीजन में धान की बुआई भी नौ दिसंबर तक 10.42 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 11.86 लाख हेक्टेयर हो गई है।
दलहनी फसलों की खेती में वृद्धि
दलहन की खेती का रकबा पिछले साल के 1.24 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.27 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसमें चने की खेती का रकबा पिछले साल के 87.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 89.42 लाख हेक्टेयर हो गया है। मोटे अनाज वाली फसलों का रकबा 32.05 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 36.39 लाख हेक्टेयर हो गया है। तिलहनी फसलों का रकबा भी पिछले रबी सीजन के 87.65 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 95.19 लाख हेक्टेयर हो गया है।
तिलहनी खेती की ओर किसानों का रुझान
घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की महंगाई को देखते हुए किसानों का रुझान तिलहन की खेती की ओर बढ़ा है। रबी सीजन की प्रमुख तिलहनी फसल सरसों का बुआई रकबा 80.78 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 87.95 लाख हेक्टेयर हो गया है. भारत सालाना खाद्य तेलों की अपनी घरेलू जरूरत का करीब 60 फीसदी आयात करता है।