कम बिजली ज्यादा हवा,1 नंबर पर पंखा चलाने पर बिजली कम खर्च होती है या 5 पर चलाने से ज़्यादा!,क्या है भ्रम की सच्चाई?

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कम बिजली ज्यादा हवा,1 नंबर पर पंखा चलाने पर बिजली कम खर्च होती है या 5 पर चलाने से ज़्यादा,हर कोई अपने घर में बिजली बचाने के लिए तरह-तरह के प्लान बनाता है. घरों में बढ़ते बिजली बिल को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जाती है. उदाहरण के तौर पर गर्मी में लोग AC को एक तय टेम्प्रेचर पर रखते हैं, जिससे कि ज़्यादा बिजली खर्च न हो. कुछ ऐसा ही लोग पंखे के साथ भी करते हैं, और रेगुलेटर के ज़रिए बिजली की बचत करने की कोशिश करते हैं. लेकिन इससे बिजली बचाने में क्या सचमुच मदद मिलती है? आइए जानते हैं.

कम बिजली ज्यादा हवा – गर्मी के दिनों में सभी जगह पंखे और कूलर का उपयोग गर्मी से रहत के लिए उपयोग में लाये जाते है,गर्मी के मौसम में बिजली की ज़्यादा खपत होती है, इसलिए बिल भी ज़्यादा आता है. गर्म मौसम घर में लगे इलेक्ट्रॉनिक आइटम को भी लोग संभाल कर चलाते हैं ताकि बिजली बिल कम आए. कई लोग ऐसे भी हैं जो बिजली की खपत के डर से AC को बहुत कम टेम्प्रेचर पर चलाते हैं. या टाइमर सेट कर चलाते हैं. कुछ घरों में ऐसा ही फैन के साथ भी होता है कि लोग रेगुलेटर पर इसका नंबर कम ही रखते हैं, ताकि बिजली बचाई जा सके. लेकिन, इससे कैसे सचमुच बिजली बचाई जा सकती है या नहीं. आइए जानते हैं इसके बारे में. बहुत लोगों के ये मन में ये सवाल होगा कि जब पंखा अलग-अलग स्पीड से चलाया जाता है तो क्या इसका बिजली की खपत पर कोई असर पड़ता है?

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कम बिजली ज्यादा हवा,1 नंबर पर पंखा चलाने पर बिजली कम खर्च होती है या 5 पर चलाने से ज़्यादा!,क्या है भ्रम की सच्चाई?

  आज हम आपको इसका जवाब बताते है,क्या है भ्रम की सच्चाई?

सीधे शब्दों में समझें तो पंखे पर खर्च होने वाले पावर का संबंध उसकी स्पीड से होता है, लेकिन यह रेगुलेटर पर निर्भर करता है. जी हां, रेगुलेटर के आधार पर कहा जा सकता है कि पंखे की स्पीड से बिजली की खपत कम या ज्यादा की जा सकती है. लेकिन, कई ऐसे रेगुलेटर हैं जिनका बिजली की खपत पर कोई असर नहीं पड़ता और ये पंखे की स्पीड तक ही सीमित होते हैं.

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बता दें कि रेगुलेटर के प्रकार पर निर्भर करता है कि पंखे की स्पीड से बिजली की बचत होगी या नहीं. कई फैन रेगुलेटर ऐसे हैं, जो वोल्टेज को कम करके पंखे की स्पीड को कंट्रोल करते हैं.

वोल्टेज को कम करते हैं रेगुलेटर

ये रेगुलेटर पंखे को दिए जाने वाले वोल्टेज को कम करते थे और उसकी स्पीड को कम करते थे. इस तरह पंखे में बिजली की खपत कम हुई. लेकिन, इससे बिजली की बचत नहीं हुई, क्योंकि इस रेगुलेटर ने रेसिस्टर का काम किया. इस तरह, पंखे की स्पीड कम करने से बिजली की बचत पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है.

आपको बता दें कि यह सिस्टम पुराने रेगुलेटर में होता था, जो काफी बड़े भी होते थे. लेकिन, अब जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, रेगुलेटर का सिस्टम भी बदल गया है. अब रेगुलेटर पहले से अलग तकनीक पर काम करते हैं और इससे बिजली की बचत भी हो सकती है.

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Electronic Regulators से बचती है बिजली?

आज के दौर में इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर अब ज़्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं और यह माना जाता है कि वे बिजली बचा सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर के इस्तेमाल से पंखे की टॉप स्पीड और उसकी सबसे कम स्पीड के बीच पावर का अंतर देखा जा सकता है.

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