इस खास फल की खेती से किसानो को होगा लपक मुनाफा, कम समय में हो जायेंगे मालामाल, देखे पूरी जानकारी

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इस खास फल की खेती से किसानो को होगा लपक मुनाफा, कम समय में हो जायेंगे मालामाल, देखे पूरी जानकारी

भारत के किसानों के बीच विदेशी फलों की खेती तेजी से बढ़ रही है. कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए किसान अब एवोकाडो जैसे विदेशी फलों की खेती कर रहे हैं. यह फल कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिस वजह से देश में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है. एवोकाडो को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, इसमें विटामिन बी, सी, ई, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फाइबर जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. एवोकाडो में 4% प्रोटीन और 30% फैट होता है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम पाई जाती है. यह फल किसी भी अन्य फल से ज्यादा ऊर्जा देने वाला होता है.

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जलवायु और तापमान

एवोकाडो के पौधे के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच की मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें यह फलता-फूलता है. वहीं, 10 डिग्री से नीचे और 30 डिग्री से ऊपर का तापमान इसकी जड़ के विकास में बाधा उत्पन्न कर सकता है. हालाँकि एवोकाडो का फल मेक्सिको और मध्य अमेरिका में होता है, लेकिन 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी भारत के कई राज्यों के किसान इस फल की खेती कर रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं. तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और पूर्वोत्तर हिमालयी राज्यों के क्षेत्र में हर साल लगभग 7000 टन एवोकाडो का उत्पादन होता है.

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एवोकाडो की किस्में

एवोकाडो की तीन प्रजातियां हैं, जो वेस्ट इंडियन, ग्वाटेमालन और मैक्सिकन हैं. इनका देश में परीक्षण किया जा चुका है. दुनिया भर में इस फल की 100 से भी ज्यादा किस्में पाई जाती हैं. लेकिन अगर इसकी प्रमुख किस्मों की बात करें तो इसमें ग्रीन टाइप, पुएवला, गोट-फ्राइड फुएरटे, पर्पल, टीकेडी-1, नाबाल, लिंडा, पोलॉक, वाल्डिन, अर्का सुप्रीम और हास शामिल हैं.

एवोकाडो की बुवाई

एवोकाडो के पौधे मार्च-अप्रैल के बीच बोना अच्छा होता है, क्योंकि इस दौरान मौसम और जलवायु अनुकूल रहता है. इसकी बुवाई के लिए उपयुक्त पौधों का चयन बहुत जरूरी है. एवोकाडो के पेड़ से बीज निकालकर पहले उसे जड़ के साथ मिलाया जाता है. बुवाई के बाद किसान को इसके पौधे को पोषण देना होता है, ताकि पौधा अच्छी तरह से बढ़ सके.

10 से 20 टन प्रति हेक्टेयर की पैदावार

एवोकाडो की खेती से होने वाली पैदावार कई चीजों पर निर्भर करती है, जिसमें बीज का प्रकार, खेती करने की तकनीक और पानी की आपूर्ति शामिल है. अगर किसान इस फल की खेती सही तरीके से करते हैं, तो उन्हें लगभग 10 से 20 टन प्रति हेक्टेयर की पैदावार मिल सकती है. आपको बता दें, एवोकाडो के पेड़ बड़े होते हैं और उनकी उचित देखभाल बहुत जरूरी होती है.

एवोकाडो की कीमत

भारत में लगभग 1 किलो एवोकाडो फल की कीमत 200 से 300 रुपये के बीच हो सकती है. इस फल की कीमत इसके प्रकार और गुणवत्ता पर भी निर्भर करती है. कुछ जगहों पर इस फल की कीमत ज्यादा और कुछ जगहों पर कम हो सकती है.

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