इस देसी जुगाड़ से खेती में इस युवा ने किया 4 गुना अधिक मुनाफ़ा, समय से 2 महीने फसल उगाता है
इस देसी जुगाड़ से खेती में इस युवा ने किया 4 गुना अधिक मुनाफ़ा, समय से 2 महीने फसल उगाता है,भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां के किसानों के जीविकोपार्जन का एक मात्रा जरिया खेती है। एक वक़्त ऐसा था जब लोग कम शिक्षा हासिल करने के कारण खेती से जुड़ जाया करते थे ताकि आजीविका आसानी से चल सके। लेकिन आज के दौर में पढ़ा लिखा युवा भी जॉब ना करके खेती का रास्ता चुन रहा है और नए-नए प्रयोगों को अपनाकर खेती में अपार सफलता हासिल कर रहा है।
आज के मुकाबले पहले लोग परम्परागत तरीके से खेती किया करते थे जिससे उन्हें अधिक लाभ नहीं मिलता था परन्तु आज खेती करने के बहुत से तकनीक तथा विकल्प मौजूद हैं जिसे अपनाने से खेती में बम्पर पैदावार हो रही है। अच्छी आमदनी के लिए कुछ किसान हाड्रोपोनिक्स तकनीक को अपना रहे हैं तो कुछ ऑर्गेनिक फार्मिंग, तो कुछ वर्किटकल फार्मिंग अपनाकर खेती कर रहे हैं। साथ ही वह अन्य लोगों को ट्रेनिंग दे रहे हैं और उनसे हर छोटी-से-छोटी जानकारी साझा कर खेती के महत्व को बता रहे हैं।
इसी कड़ी में आज हम आपको इस लेख द्वारा एक ऐसे युवा से मिलाने वाले हैं जो जुगाड़ टेकनीक को अपनाते हुए पॉलीहाउस (Polyhouse) का निर्माण कर सब्जियों को उगाकर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
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वह बताते हैं कि अगर आप मार्केट में अपना बर्चस्व कायम करना चाहते हैं तो मौसम की सब्जियों को उगाएं। आप सब्जियों को अगैती खेती करके ही उगाएं, ना कि पिछैती। अगर फरवरी माह में आपको टमाटर या मिर्च बेचनी है तो उसे जनवरी माह में बीज डाल दें तब यह फरवरी तक बोने लायक हो जाएगा और फिर कुछ ही दिनों में फल भी देने लगेगा।
वीडियो से साझा की सम्पूर्ण जानकारी
हम आपको बताने जाने उस युवा में ,वह युवा लक्ष्य (Lakshya) हैं जो अपने ऑर्गेनिक एकड़ फार्म में जुगाड़ टेक्नीक को अपनाकर बहुत से पॉलीहाउस का निर्माण किये हैं। उनका ये पॉलीहाउस 9 साल पुराना है और आज भी अच्छा कार्य कर रहा है। वह बताते हैं यहां पर हमारे किसान पॉलीहाउस का निर्माण करते तो हैं परन्तु वह ज्यादा दिनों तक नहीं टिकता इसका एक मात्रा कारण है यहां की जलवायु। हम सभी जानते हैं कि हमारे यहां मई के महीने में लू अधिक चलती है जिस कारण पॉलीहाउस में निर्मित नेट या शेड सब नष्ट हो जाते हैं ऐसे में किसानों को घाटा होता है या उन्हें अपना पॉलीहाउस बन्द करना पड़ता है।
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पीवीसी पाइप तथा इंसेक्ट नेट से बनाए पॉलीहाउस
किसान कुछ बातों का ध्यान रखें तो वह पॉलीहाउस बनाने में सफलता हासिल कर सकते हैं। आपको एक पीवीसी पाइप लेनी होगी जो एक या सवा इंच का हो। अब आप इसे जमीन में लगभग 2 इंच नीचे की तरफ गाड़ दें फिर इसे एक लू शेप देते हुए दूसरी ओर भी गाड़ दें। अब आपको यही प्रोसेस अपने अनुसार के क्षेत्र के लम्बाई में करते जाना। अब आपका जो शेड बनेगा वो लगभग 12 फुट तथा चौड़ाई 6.30 फूट का होगा। कोई शख्स इसमें आसानी से कार्य कर सकता है।
मौसम के अनुकूल करते है उपाय
मौसम के अनुकूल करते है उपाय ,लक्ष्य का ये पॉलीहाउस भी पीवीसी पाइप तथा इंसेक्ट नेट से बना हुआ है जिसमें इंसेक्ट नेट 40 माईक्रॉन का है। बरसात के मौसम में इसमें कीड़े नहीं आता और पौधों की रक्षा आसानी से हो जाती है। सर्दियों से बचने के लिए ऊपर पन्नी डाली गई है जो 200 माईक्रॉन की युविट्रीडेड पन्नी है। इससे ठंड के मौसम में भी फसलों को नुकसान नहीं पंहुचती और वह वातावरण के अनुसार ग्रोथ करते रहते हैं। वही गर्मियों से बचाने के लिए हरा वाला शेड नेट भी है जो यहां गर्मियों के मौसम में डाल दिया जाता है।
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वह बताते हैं कि अगर आप मार्केट में अपना बर्चस्व कायम करना चाहते हैं तो मौसम की सब्जियों को उगाएं। आप सब्जियों को अगैती खेती करके ही उगाएं, ना कि पिछैती। अगर फरवरी माह में आपको टमाटर या मिर्च बेचनी है तो उसे जनवरी माह में बीज डाल दें तब यह फरवरी तक बोने लायक हो जाएगा और फिर कुछ ही दिनों में फल भी देने लगेगा।