इस खास किस्म की मुर्गी साल में देंगी 200 अंडे, कम समय में बना देंगी लाखो का मालिक, देखे पूरी डिटेल
भारत में अंडों और मांस की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे मुर्गी पालन कमाई का एक अच्छा जरिया बनता जा रहा है. ये कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने का एक बेहतर तरीका साबित हो रहा है. जानकारों का कहना है कि बढ़ती आबादी और घटते रोजगार के चलते आजकल बेरोजगार युवा तेजी से कृषि और पशुपालन को अपना रहे हैं. इनसे मिलने वाले अतिरिक्त लाभ ही इसकी मुख्य वजह हैं. देश में रोजगार की तलाश कर रहे युवा इसे रोजगार के रूप में अपना सकते हैं.
वैसे, मुर्गियों की कई तरह की नस्लें होती हैं. जो अपने अलग-अलग गुणों के लिए जानी जाती हैं. उन्हीं में से एक है कैरी निर्भीक मुर्गी की नस्ल. ये उच्च गुणवत्ता वाले मांस और अंडे उत्पादन के लिए जानी जाती है. पोल्ट्री पालक मुर्गियों की इस खास नस्ल को पालकर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं पशु विशेषज्ञों से इस खास नस्ल की मुर्गियों के बारे में.
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कैरी निर्भीक मुर्गी: मुनाफे का धंधा
Rae Bareilly के सरकारी पशु अस्पताल शिवगढ़ के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ इंद्रजीत वर्मा (MVSc Veterinary) बताते हैं कि कैरी निर्भीक मुर्गी देसी नस्ल की मुर्गी है, जिसका मांस प्रोटीन के गुणों से भरपूर होता है. ये मुर्गी बहुत ही सक्रिय, बड़े आकार की, दमदार, तेज, स्वभाव से लड़ाकू होती है और इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी मजबूत होती है. लगभग 20 हफ्तों के अंदर ही इसके चूजों का वजन 1847 ग्राम तक पहुंच जाता है, ये मुर्गियाँ हर साल 190 से 200 अंडे देती हैं. अगर किसान चाहें तो कैरी निर्भीक मुर्गियों का पोल्ट्री फार्म शुरू करके कम लागत में अच्छी कमाई कर सकते हैं.
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कैरी निर्भीक मुर्गी की खासियत
डॉ इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि कैरी निर्भीक मुर्गी उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में भी पाई जाती है. कैरी निर्भीक मुर्गी की खासियत ये है कि ये 5 से 6 महीने में ही अंडे देना शुरू कर देती है. इसकी खास बात ये है कि एक मुर्गी 190 से 200 अंडे देती है. इसका वजन भी बहुत कम समय में बढ़ जाता है. वो ये भी बताते हैं कि इस नस्ल के नर मुर्गों का रंग पीला और पंखों का रंग सुनहरा लाल होता है. जबकि मादा मुर्गी का रंग सुनहरा लाल से पीला होता है, इसकी चमड़ी और टांगों का रंग पीला होता है.
मुनाफे वाला बिजनेस
डॉ इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि उच्च गुणवत्ता वाले मांस के कारण बाजारों में इसकी मांग काफी ज्यादा है. इसीलिए ये दूसरी नस्लों की मुर्गियों के मुकाबले ज्यादा महंगी बिकती है. वो बताते हैं कि इसके एक चूजे की कीमत 200 रुपये है, जबकि तैयार मुर्गे की कीमत 1000 से 1200 रुपये तक होती है. जो कि दूसरी नस्लों की मुर्गियों के मुकाबले काफी ज्यादा है. इसीलिए किसान इस नस्ल की मुर्गियों को पालकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.