देवास – निशुल्क हो रहा है भगवान गणेश की मूर्तियो का वितरण, इस साल होगा 11 सौं प्रतिमाओं का निर्माण,जाने किसके द्वारा होगा वितरण….

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देवास – निशुल्क हो रहा है भगवान गणेश की मूर्तियो का वितरण, इस साल होगा 11 सौं प्रतिमाओं का निर्माण,जाने किसके द्वारा होगा वितरण….

आगामी दिनों में गणेश पर्व शुरू होने वाला है। ऐसे में कई जगह पीओपी से बनी मूर्तियों का निर्माण भी होता है जो पर्यावरण के लिए हानिकारक होती है। इसी पर्यावरण को बचाने व पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शहर के इटावा निवासी आदित्य दुबे व उनकी पत्नी पिछले 6 सालों से भगवान गणेश की छोटी इको फ्रेंडली प्रतिमाएं बना रहे है। इन प्रतिमाओं को बनाकर दूबे शहर के विशिष्ट प्रबुद्ध जनों व शहर के लोगों को निशुल्क उनके घर तक पहुंचाते है। जिससे समाज हित में पर्यावरण बचाने का संदेश पहुंच सके।

रंगरोगन के लिए नेचुरल कलर का ही उपयोग

दूबे ने बताया कि छोटी प्रतिमाओं को बाम्बे क्ले मिट्टी से बनाने के बाद प्रतिमाओं को पांच दिनों तक रखा जाता है। जो मिट्टी प्रतिमाओं के लिए इस्तेमाल की जाती है यह गुजरात से मंगवाई जाती है। उसके बाद प्रतिमाओं का रंगरोगन किया जाता है जिसमें भी नेचुरल कलरों का उपयोग किया जाता है। दूबे का ऐसा मानना है कि इको फ्रेंडली गणेश जी विराजित करने से नदियों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। पीओपी की बनी प्रतिमाए जलस्त्रोतों में जीव जंतुओं के लिए भी हानिकारक होती है। लेकिन इको फ्रेंडली प्रतिमाएं घर पर ही विसर्जित की जा सकती है।

इस साल 11 सौ प्रतिमाओं का निर्माण

इस वर्ष दूबे परिवार द्वारा 11 सौं छोटी प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। पिछले दो दिनों से प्रतिमाएं बनाने का कार्य शुरु हो गया है जो आगमी 25 अगस्त तक जारी रहेगा। इस कार्य में दूबे दपंत्ति उनके दो बच्चें व कुछ उनसे जुड़े हुए बच्चों को भी शामिल करते हुए उनसे प्रतिमाओं का निर्माण करवाते है। प्रतिमाएं बनाने के लिए बच्चे इसमें उत्सुकता से भाग लेते है और करीब 10 मिनिट में भगवान गणेश की एक छोटी प्रतिमा तैयार कर देते है। मिट्टी से कुछ ही समय में भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण भी आम लोगों को दूबे देते है। इस कार्य के पीछे उनका उद्देश्य यही है कि समाज में पर्यावरण की रक्षा हो सके।

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