कॉमनवेल्थ गेम्स – कॉमनवेल्थ गेम्स इंदौर का दम ,पहली बार कॉमनवेल्थ में इंदौर ,सबकी निगाहे अब अद्वैत पर

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कॉमनवेल्थ गेम्स – कॉमनवेल्थ गेम्स इंदौर का दम ,पहली बार कॉमनवेल्थ में इंदौर,सबकी निगाहे अब अद्वैत पर

इंदाैर के तैराक अद्वैत पागे ने मंगलवार को कॉमनवेल्थ गेम्स की 1500 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश किया। हीट्स में अद्वैत 15 मिनट 39.25 सेकंड के समय के साथ 7वें स्थान पर रहे। हालांकि वे अपने सर्वश्रेष्ठ समय से पीछे रहे। उनका श्रेष्ठ समय 15 मिनट 23.66 सेकंड है, जाे भारतीय रिकॉर्ड है।

भारतीय तैराक कुशाग्र रावत 15 मिनट 47.77 सेकंड के समय के साथ 8वें स्थान पर रहे हैं। यह पहला मौका है, जब इंदौर का कोई खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल तक पहुंचा है। फाइनल मुकाबला बुधवार रात 12.42 बजे होगा। 40 लाख इंदौरियों की यही प्रार्थना है कि अद्वैत तमगा लेकर ही लौटे।

अद्वैत की ट्रेनिंग पर कोई असर न हो, इसलिए पिता ने कोई स्थाई जॉब ही नहीं किया

अद्वैत ने बहन अदिति को देखकर तैराकी सीखी। अदिति ने शिशुकुंज एकेडमी में ट्रेनिंग ली है। अद्वैत ने बताया कि 2015 में पहला राष्ट्रीय पदक जीता तो लगा इसे प्रोफेशनली जारी रखना है। 400 व 800 मीटर के साथ 1500 मीटर में भारतीय रिकॉर्ड बनाए। अद्वैत के पिता आशुतोष पागे फ्रीलांस जॉब करते हैं, मां नंदा सॉफ्टवेयर कंपनी में हैं। पिता कहते हैं, उसे ज्यादा समय देने के लिए स्थाई जॉब नहीं किया।

स्कॉलरशिप मिलने लगी यूएस में

कोच मनोज दवे ने बताया, 12वीं तक अद्वैत इंदौर में ट्रेनिंग ले रहा था। फिलहाल अमेरिका में कोच एंथोनी नेस्टी के अंडर चार साल से ट्रेनिंग कर रहा है। शुरुआत में 35 लाख रुपए सालाना खर्च हो रहे थे। अब स्कॉलरशिप मिलने लगी है, जिससे राहत मिल गई है।

पहली बार स्पर्धा से पहले घबराहट हुई

अद्वैत ने बताया, मैंने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लिया है। किसी में डर नहीं लगा, मंगलवार को पहली बार हिट्स् में जाने से पहले घबराहट हुई। मैं 7वें नंबर पर मेरे बेस्ट टाइम से भी पीछे रहा। फाइनल में जगह बना ली है। अब मेरा फोकस पदक पर है। मैंने 100 से अधिक पदक जीते हैं, लेकिन कॉमनवेल्थ में पदक जीतना मेरे सारे पदकों के बराबर होगा।

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