Chana Farming 2022: बुवाई से पहले इन सुझावों पर अमल करें किसान, मिलेगी भरपूर उपज

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Chana Farming 2022: चना को सबसे महत्वपूर्ण दलहनी फसलों में से एक माना जाता है। चने के पौधे की हरी पत्तियों का उपयोग साग और हरे सूखे दानों को बनाने के लिए किया जाता है। चने के दाने से अलग किया हुआ छिलका जानवर खाते हैं। चने की फसल आने वाली फसलों के लिए मिट्टी में नाइट्रोजन को स्थिर करती है, इससे खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। देश में सबसे ज्यादा चने की खेती मध्य प्रदेश में होती है। Chana Farming 2022

चने की खेती के लिए भूमि की तैयारी
दोमट और दोमट मिट्टी में चने की खेती आसानी से की जा सकती है। खरीफ फसल की कटाई के बाद हैरो से खेत की गहरी जुताई करें। चने की खेती के लिए खेत में नमी का होना जरूरी है। कृषि विशेषज्ञ मिट्टी के पीएच मान 6-7.5 को बुवाई के लिए उपयुक्त मानते हैं। एक जोताई मिट्टी पलटने वाले हल से और 2 जुताई करने के बाद पैट लगाकर खेत को समतल कर लें। Chana Farming 2022

देशी चने की प्रमुख किस्में
कृषि विशेषज्ञ जीएनजी 1581 (गणगौर), जीएनजी 1958 (मरुधर), जीएनजी 663, जीएनजी 469, आरएसजी 888, आरएसजी 963, आरएसजी 963, आरएसजी 973, आरएसजी 986 को मौसम में समय पर बुवाई के लिए सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। देर से बुवाई के लिए जीएनजी 1488, आरएसजी 974, आरएसजी 902, आरएसजी 945 प्रमुख हैं। इसके अलावा राधे, उज्जैन, वैभव भी देशी चने की उन्नत किस्में मानी जाती हैं। आमतौर पर चने की फसल 100-120 दिनों में पकने के लिए तैयार हो जाती है जब मौसम खेती के लिए अनुकूल होता है। Chana Farming 2022

काबुली चना की प्रमुख किस्में
कृषि विशेषज्ञ एल500, सी-104, काक-2, जेजीके-2, मैक्सिकन बोल्ड को छोले की मुख्य किस्म मानते हैं। ये किस्में एक हेक्टेयर में 10-13 क्विंटल उपज देती हैं। Chana Farming 2022

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बुवाई से पहले बीजों का उपचार करें
खेत में बीज बोने से पहले रासायनिक कवकनाशी से उपचारित करना चाहिए। उकथा रोग से फसल की रक्षा के लिए विटावैक्स पावर, कैप्टन, थीरम या प्रोवेक्स में से किसी एक को 3 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करें। इसके बाद एक किलोग्राम बीज को राइजोबियम कल्चर और 5-5 ग्राम त्रिचोर्मा विरदी मिलाकर उपचारित करें। इस प्रक्रिया के लिए बीज ड्रेसिंग ड्रम का उपयोग किया जा सकता है। इन बीजों को बिना देर किए तैयार खेत में 5-8 सें.मी. की गहराई पर बो दें। Chana Farming 2022

रासायनिक विधि द्वारा खरपतवार नियंत्रण
फ्लुक्लोरालिन 200 ग्राम बुवाई से पहले या पेंडीमेथालिन 350 ग्राम बीज अंकुरण से पहले लगभग 300 लीटर पानी में घोलें। अब इसे चने के खेत में प्रति एकड़ स्प्रे करें। खेती करने वाले किसानों को बीज बोने के 30-35 दिन बाद पहली निराई और गुड़ाई करनी चाहिए। इसी अन्तराल पर दूसरी निराई-गुड़ाई भी की जा सकती है। Chana Farming 2022

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सिंचाई की सही विधि
देखा जाए तो आमतौर पर चने की खेती सिंचित अवस्था में की जाती है। चने की खेती के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। किसान पहली सिंचाई फूल आने से पहले यानि बीज बोने के 20-30 दिन बाद और दूसरी सिंचाई 50-60 दिनों के बाद बीज भरने की अवस्था में कर सकते हैं। Chana Farming 2022

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