Capsicum Cultivation: शिमला मिर्च की ये उन्नत किस्में देंगी दोगुनी पैदावार, जानिए यहा!
Capsicum Cultivation: आजकल बाजार में अलग-अलग रंग की शिमला मिर्च की काफी डिमांड है. इसे अच्छे दामों में बेचा जाता है। ऐसे में कई राज्यों के किसान शिमला मिर्च की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. शिमला मिर्च के अच्छे उत्पादन के लिए अच्छी किस्मों का प्रयोग आवश्यक है। आज के इस लेख में हम आपको शिमला मिर्च की उन्नत किस्मों के बारे में बता रहे हैं, जो अच्छी उपज देती हैं।
शिमला मिर्च मुख्य रूप से 3 प्रकार की होती है लाल, हरी और पीली। लेकिन आजकल बाजारों में बैंगनी, नारंगी, भूरे रंग की शिमला मिर्च की किस्में भी उपलब्ध हैं। शिमला मिर्च की खेती साल में तीन बार की जा सकती है। पहली बुवाई जून से जुलाई के बीच, दूसरी बुवाई अगस्त से सितंबर और तीसरी बुवाई नवंबर से दिसंबर के बीच की जाती है। शिमला मिर्च की खेती खुले मैदान और पॉलीहाउस में की जा सकती है। इसकी खेती के लिए अधिक बिकने वाली किस्मों का चुनाव करें।
Capsicum Cultivation
शिमला मिर्च की उन्नत किस्में इस प्रकार हैं
ओरोबेल: यह किस्म ठंडी जलवायु के लिए अच्छी होती है। इसकी खेती ग्रीनहाउस या खुले मैदान दोनों में की जा सकती है। यह पीले रंग की किस्म है जो कई रोगों के लिए प्रतिरोधी है। इस किस्म की मिर्च का वजन करीब 130 से 150 ग्राम होता है।
सोलन हाइब्रिड 2: यह सबसे अधिक उपज देने वाली किस्मों में से एक है। यह सड़ांध और जीवाणु रोगों के लिए प्रतिरोधी है। इस प्रकार की फसल रोपाई के लगभग 60 से 65 दिनों के बाद तैयार हो जाती है। इस किस्म से 130 से 150 क्विंटल प्रति एकड़ की उपज आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
इंद्रा : यह किस्म अच्छी उपज भी देती है। यह प्रति एकड़ 110 क्विंटल तक उपज देती है। इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं। इसकी मिर्च का वजन 100 से 150 ग्राम होता है। मिर्च मोटी और मांसल होती है।
बॉम्बेः यह लाल रंग की शिमला मिर्च की किस्म है। इसकी प्रति मिर्च का वजन 125 से 150 ग्राम होता है। कच्ची मिर्च हरे रंग की होती है, पकने पर लाल हो जाती है. इसके समुचित विकास के लिए छायादार स्थान पर इसकी खेती की जाती है।
पूसा दीप्ति शिमला मिर्च: यह पौधा मध्यम आकार का होता है। इसका रंग हल्का हरा होता है, जो बाद में लाल हो जाता है। यह हाईब्रिड किस्म का पौधा है। पौधा लगाने के 70 से 75 दिनों के बाद मिर्च पकने लगती है और कटाई के लिए भी तैयार हो जाती है।
कैलिफ़ोर्निया वंडर: यह एक विदेशी किस्म है, जो अधिक उपज देने वाली किस्मों में से एक है। इससे प्रति हेक्टेयर 125 से 150 क्विंटल उपज मिलती है। इसके पौधे रोपाई के 75 दिन बाद फल देने लगते हैं। यह चमकीले हरे रंग का होता है।
इसके अलावा भारत, ग्रीन गोल्ड, सोलन हाइब्रिड 1, येलो वंडर, कैलिफोर्निया वंडर, अर्का गौरव, अर्का मोहिनी, हरि रानी, किंग ऑफ नॉर्थ आदि शिमला मिर्च की उन्नत किस्में हैं।
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