प्राकृतिक खेती (Natural Farming) 6 दिन की ट्रेनिंग ने बदल दी जिंदगी, आप भी जानिए और सीखिए और आगे बढिये
प्राकृतिक खेती (Natural Farming) प्राकृतिक खेती (Natural Farming) 6 दिन की ट्रेनिंग ने बदल दी जिंदगी, आप भी जानिए और सीखिए और आगे बढिये में खेती करने की लागत घटकर आधी हो जाती है और मुनाफा बढ़ जाता है. सरकार भी प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है. आप भी इस खेती को अपनाकर अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं
Prakritik Kheti: प्राकृतिक खेती (Natural Farming) 6 दिन की ट्रेनिंग ने बदल दी जिंदगी, आप भी जानिए और सीखिए और आगे बढिये खेती में युवाओं का रुझान बढ़ा है. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले अश्विनी कुमार पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती में जुट गए. उन्होंने खेती को ही अपनी आजीविका बना लिया. वो आम के बिजनेस को अपनी आजीविका बनाकर पारंपरिक तरीके से खेती कर रहे थे. लेकिन अक्सर तेला बीमारी के प्रकोप से उनके आम खराब हो जाते थे इससे उनको आम के बिजनेस में घाटा होता था. तब उन्होंने खेती का तरीका बदलने का फैसला किया. अब वो (Natural Farming) विधि से खेती कर रहे हैं और इससे उनको मोटा मुनाफा भी हो रहा है
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प्राकृतिक खेती (Natural Farming) 6 दिनों की ली ट्रेनिंग
प्राकृतिक खेती (Natural Farming) 6 दिन की ट्रेनिंग ने बदल दी जिंदगी, आप भी जानिए और सीखिए और आगे बढिये उनके मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के पालमपुर विश्वविद्यालय में प्राकृतिक खेती का शिविर लगा था. इस शिविर का हिस्सा बनकर उन्होंने पद्म श्री सुभाष पालकेर जी से 6 दिन तक प्राकृतिक खेती के गुर सीखे. घर आकर उन्होंने पड़ोसी से गोबर- गोमूत्र लेकर अपने 3 कनाल यानी डेढ़ बीघा के आम के बगीचे में ट्रायल शुरी किया. करीब 60 पौधों पर अलग-अलग आदानों के प्रयोग से उन्हें अच्छा परिमाण मिला. इसके बाद उन्होंने प्राकृतिक खेती को पूरी तरह अपना लिया. हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक, पहले आम पर उनका खर्च 15,000 रुपये आ रहा था जो अब यह घटकर 6,000 रुपये रह गया.
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प्राकृतिक खेती (Natural Farming) लीज पर जमीन लेकर शुरू की खेती
प्राकृतिक खेती (Natural Farming) 6 दिन की ट्रेनिंग ने बदल दी जिंदगी, आप भी जानिए और सीखिए और आगे बढिये प्राकृतिक खेती के नतीजे से उत्साहित होकर अश्विनी कुमार ने 10 बीघा जमीन लीज पर ली. इस जमीन पर वह सब्जियों की खेती का काम शुरू किया. सब्जियों की खेती करने और उसमें हाथ बंटाने के लिए उन्होंने अपने यहां एक प्रशिक्षु किसान को भी रखा. उनके मुताबिक, खेती में असली अनुभव देखने की बजाए खुद करके आता है. इसलिए वह अपने प्रशिक्षु किसान को प्राकृतिक खेती के गुर सिखाने के साथ उसे इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
प्राकृतिक खेती (Natural Farming) खर्च घटकर हो गई आधी
अश्विनी बागवानी के साथ खेती भी कर रहे हैं. सब्जियों की खेती के साथ वह अपने 25 कनाल के आम के बगीचे को इस विधि में लाए हैं. इसके लिए वह साहिवाल नस्ल की गाय खरीद चुके हैं ताकि बड़े स्तर पर आदान की जरूरत को पूरा किया जा सके. अपने आस-पास की 3 पंचायतों में वह प्राकृतिक खेती विधि का प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं. उनका कहना है कि पहले रासायनिक खेती में 15,000 रुपये का खर्च आता था और 53,500 रुपये की कमाई होती थी. जबकि प्राकृतिक खेती में 6 हजार लगाकर 50 हजार का मुनाफा हुआ है
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