Chili Variety मिर्च की अनोखी किस्म विकसित, खाने के साथ लिपस्टिक बनाने में भी किया जायगा इसका उपयोग

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Chili Variety मिर्च की अनोखी किस्म विकसित, वाराणसी स्थित आईसीएआर-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने मिर्च की एक अनोखी किस्म तैयार की है। इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह खाने में तो उपयोगी होगी ही साथ ही इसके चमकीले लाल रंग को सौंदर्य प्रसाधन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इस किस्म को VPBC-535 नाम दिया गया है।

Chili Variety

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अब जानते हैं इस किस्म के बारे में-
VPBC-535 किस्म में 15 प्रतिशत ओलेरोसिन होता है। यह किस्म सामान्य मिर्च की तुलना में अधिक उत्पादन देती है। क्योंकि इसमें उर्वरकों का प्रयोग अधिक होता है।

इस मिर्च की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 400 से 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है, यदि सभी मापदंडों को ध्यान में रखा जाए तो यह प्रति हेक्टेयर 150 क्विंटल तक उपज दे सकता है। Chili Variety

इसकी खेती रबी और खरीफ दोनों मौसमों में की जा सकती है।

जो किसान वैज्ञानिक रूप से इस किस्म की खेती करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें जुलाई/अगस्त के महीनों में नर्सरी तैयार करनी चाहिए।

पकने के बाद इसका रंग लाल हो जाता है।

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इसमें ओलियोरेसिन नामक औषधीय गुण भी होता है। सब्जियों, सौंदर्य प्रसाधनों में लिपस्टिक बनाने में सिंदूरी काशी मिर्च कलर पिगमेंट का इस्तेमाल होगा, करोड़ों नागरिकों को सिंथेटिक रंगों के हानिकारक प्रभावों से बचाया जाएगा। Chili Variety

खेत की तैयारी कैसे करें-
खेत को तैयार करते समय 20-30 टन प्रति हेक्टेयर कम्पोस्ट या खेत की खाद का प्रयोग करना चाहिए। इसके बाद मिर्च के बीज बोए जाते हैं। बीज बोने के 30 दिनों के बाद पौधों को 45 सेमी की दूरी पर लगाना चाहिए, ताकि पौधों के बीच की दूरी बनी रहे। प्रत्येक पंक्ति में 60 सेमी की दूरी होनी चाहिए। इस मिर्च की खेती के लिए अधिक उर्वरकों का उपयोग किया जाता है। मिर्च को प्रति हेक्टेयर 120 किलो नाइट्रोजन, 80 किलो फास्फोरस और 80 किलो पोटाश की आवश्यकता होती है।

इस किस्म के पौधे फैले हुए हैं, यह एन्थ्रेक्नोज रोग के लिए प्रतिरोधी है। मिर्च के फल बुवाई के 95-100 दिनों में पकने लगते हैं और इसके फल 10-12 सेमी लंबे और 1.1-1.3 सेमी मोटे होते हैं। इसकी औसत उपज 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इस मिर्च की बिक्री से ऊंचे दाम मिलते हैं। जहां सामान्य मिर्च 30 रुपये किलो तक बिकती है, वहीं काशी सिंदूरी 90 रुपये किलो तक बिक सकती है। Chili Variety

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आपको बता दें कि काशी सिंदूरी किस्म खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा सौंदर्य प्रसाधन बनाने में भी काम आएगी। इससे हर्बल कॉस्मेटिक उद्योग में इसकी मांग बढ़ेगी और किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे। इसलिए काशी सिंदूरी किस्म की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है। किसान अन्य जानकारी के लिए नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं। Chili Variety

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