Vrindavan Radharaman Lal Ju Temple वह मंदिर जहां 480 साल से जल रही अखंड ज्योति, इन कार्यों में किया जाता है अग्नि का प्रयोग
Vrindavan Radharaman Lal Ju Temple भारत के मंदिरों में पूज्य देवताओं की महिमा निराली है। इन मंदिरों में भक्तों की आस्था और भक्ति के अलावा भगवान की लीलाएं और चमत्कार आज भी देखे जा सकते हैं। इधर मथुरा स्थित वृंदावन धाम के सप्तदेवालयों में शामिल ठाकुर जी राधारमण लाल जू मंदिर की चर्चा है, जहां भगवान का चमत्कार और उनकी अनुपम लीला पांच सदियों से चली आ रही है। आप भी इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं और इस अनोखी लीला को देख सकते हैं।
480 साल से जल रही लौ
यहां ठाकुरजी के भोग-राग की रसोई तैयार करने के लिए पिछले 480 वर्षों से लगातार एक भट्टी जल रही है। जिससे इस अग्नि से निकलने वाली ज्वाला की अग्नि का उपयोग इस मंदिर में दीपक और आरती से लेकर भगवान के प्रसाद तक किया जाता है। Vrindavan Radharaman Lal Ju Temple
भगवान की लीला
इस मंदिर के सेवक श्रीवत्स गोस्वामी के अनुसार इस मंदिर परिसर में मौजूद यह प्राचीन भट्टी दिन भर जलती रहती है। भगवान के सभी कार्य पूर्ण होने के बाद रात में उसमें कुछ लकड़ी डाल दी जाती है और ऊपर से राख को उड़ा दिया जाता है ताकि आग शांत न हो। अगले दिन तड़के बाकी के भट्टों को उसी आग में कुछ गाय का गोबर और अन्य लकड़ी डालकर जला दिया जाता है। यह प्रथा इस भट्टी जितनी पुरानी है। जिसके बारे में कहा जाता है कि यह अखंड ज्योति के रूप में पिछले 480 वर्षों से लगातार जल रहा है। Vrindavan Radharaman Lal Ju Temple
इन कार्यों में अग्नि का प्रयोग किया जाता है
इस पवित्र अखंड ज्वाला जैसी ज्योति से प्राप्त अग्नि का उपयोग भगवान की आरती में दीपक और ज्योति जलाने के साथ-साथ किया जाता है। वहीं, लाइटर या माचिस की जगह इस भट्टी की लौ से निकलने वाली आग का इस्तेमाल भगवान का प्रसाद बनाने के लिए किया जाता है। Vrindavan Radharaman Lal Ju Temple
Vrindavan Radharaman Lal Ju Temple
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रसोई में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित
इस किचन में बाहरी लोगों का प्रवेश सख्त वर्जित है। इस मंदिर के सेवक के शरीर पर धोती के अलावा और कोई वस्त्र नहीं है। किचन में जाने के बाद पूरा प्रसाद बनाकर ही सेवा निकलती है। अगर उन्हें बाहर जाना भी पड़ता है, तो फिर से स्नान करने के बाद ही उन्हें मंदिर की पवित्र रसोई में प्रवेश मिलता है। कहा जाता है कि सबसे पहले अग्नि मंदिर का मंथन करके यहां पर प्रज्ज्वलित किया गया था, तब से इसका अखंड प्रकाश का रूप बरकरार है। Vrindavan Radharaman Lal Ju Temple