Urea-DAP से भी अच्छा और किफायती है ये खाद, इन फसलों के लिये साबित हो रहा वरदान

Urea-DAP से भी अच्छा और किफायती है ये खाद, इन फसलों के लिये साबित हो रहा वरदान
Urea-DAP : Urea-DAP से भी अच्छा और किफायती है ये खाद,सिंगल सुपर फॉस्फेट में मौजूद पौषक तत्वों से मिट्टी की कमियां ठीक हो जाती हैं. इसके इस्तेमाल से तिलहनी फसलों में तेल और दलहनी फसलों में प्रोटीन की मात्रा भी बेहतर बनती है.
Single Super Phosphate Fertilizer बना भरोदेमन्द
Urea-DAP Vs Single Super Phosphate Fertilizer : भारत में खरीफ फसलें (Kharif Crops) अपने पीक पर है और जल्द ही किसान रबी फसलों (Rabi Season 2022) की तैयारी में जुट जाएंगे. ऐसे में किसानों को फसलों से बेहतर पैदावार हासिल करने की होड़ रहती है. कई किसान अधिक उत्पादन की होड़ में यूरिया-डीएपी का अधिक इस्तेमाल करने लगते हैं, जिससे मिट्टी की सेहत के साथ-साथ पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है.
यही कारण है कि कृषि विशेषज्ञों ने हमेशा से ही उर्वरकों के इस्तेमाल को लेकर एतिहाद बरतने की सलाह दी है, क्योंकि ये उर्वरक मंहगे (Price of Fertilizer) तो होते ही है, कभी-कभी फसलों पर विपरीत असर भी छोड़ते है, लेकिन एक उर्वरक ऐसा भी है जो यूरिया-डीएपी से कहीं ज्यादा सस्ता और टिकाऊ होता है. दलहन और तिलहनी फसलों (OilSeeds Production) की बेहतर पैदावार के लिये ही ये फर्टिलाइजर (SSP Fertilizer) किसी वरदान से कम नहीं है. किसान चाहें तो मिट्टी की जांच (Soil Test) के आधार पर भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
Urea-DAP से भी अच्छा और किफायती है ये खाद
सिंगल सुपर फॉस्फेट
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) एक बेहद किफायती और टिकाऊ उर्वरक है, जिसमें करीब 16% फास्फोरस और 11% सल्फर होता है. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, दूसरे उर्वरक की तुलना में दलहन और तिलहनी फसलों के लिये सल्फर काफी फायदेमंद होता है. इससे ना सिर्फ तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा बढ़ती है. वहीं दलहनी फसलों में भी इसके प्रयोग से प्रोटीन की मात्रा में बेहतरी देखी गई है.
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सिंगल सुपर फॉस्फेट में मौजूद पौषक तत्वों से मिट्टी की कमियां ठीक हो जाती हैं और बिना किसी नुकसान के फसलों के बेहतर पैदावार मिलती है. फसलों से बेहतर परिणाम हासिल करने के लिये जैविक खाद, जैव उर्वक और रसायनिक खाद के साथ मिलाकर सिंगल सुपर फॉस्फेट का इस्तेमाल करना चाहिये.
भारत में उर्वरकों के दाम
भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की ज्यादातर आबादी अपनी आजीविका के लिये खेती-किसानी पर ही निर्भर करती है. इस बीच किसानों का सबसे पहला मकसद यही होता है कि फसलों की पैदावार के साथ-साथ उनकी क्वालिटी को भी बेहतर बनाया जाये. भारत में इस उद्देश्य के लिये कई उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता है. सरकार भी इन खाद-उर्वरकों की खरीद पर किसानों को सब्सिडी (Subsidy on Fertilizer) देती है.
उर्वरक | मात्रा | कीमत |
यूरिया | 45 किलोग्राम | 266.50 रुपये/ बैग |
डीएपी | 50 किलोग्राम | 1,350 रुपये/ बैग |
एनपीके | 50 किलोग्राम | 1,470 रुपये/ बैग |
एमओपी | 50 किलोग्राम | 1,700 रुपये/ बैग |
सिंगल सुपर फास्फेट | 50 किलोग्राम | 425 रुपये/ बैग |
ऐसे बचेगा किसानों का पैसा
अगर आप नहीं अपना फ़र्टिलाइज़र में पैसा बचाना चाहते ही तो ये जानकारी के लिये बता दें कि सिंगल सुपर फास्फेट (Single Super Phosphate) सिर्फ यूरिया-डीएपी (Urea-DAP) से सस्ता ही नहीं है, बल्कि फसलों के लिये काफी असरकारी है. इससे खेती की लागत को कम होगी ही, अच्छी पैदावार से किसानों का मुनाफा भी बढेगा. फिर भी मिट्टी की जांच (Soil Test) और विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ही सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP Fertilizer) या किसी दूसरे उर्वरक का इस्तेमाल फसल पर करना चाहिये.