Light Trap : फसल करे और सुरक्षित,फसल को कीटो से बचाने लिए लाइट ट्रैप का करें इस्तेमाल,कीटनाशकों का खर्च होगा कम
Light Trap – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों को फसलों में लगने वाले कीड़ों और बीमारियों पर लगातार नजर रखने की सलाह दी है. कोई समस्या हो तो कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें और सही जानकारी लेकर ही दवाओं का प्रयोग करें।
किसान फसलों में कीड़ों को मारने के लिए लाइट ट्रैप का भी उपयोग कर सकते हैं। इस जुगाड़ में कीटनाशकों के छिड़काव की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्लास्टिक के टब या किसी बड़े बर्तन में पानी और कीटनाशक मिलाकर एक बल्ब जलाकर रात के समय खेत के बीच में रख दें। कीड़े प्रकाश की ओर आकर्षित होंगे और उसी घोल पर गिरने से मर जाएंगे। इस जाल से कई तरह के हानिकारक कीट नष्ट हो जाएंगे। इससे लागत कम होगी और फसलों में कीटनाशक अवशेष नाममात्र के होंगे। जरूरत पड़ने पर ही स्प्रे करें, वह भी तब जब आसमान साफ हो। नहीं तो आपका पैसा डूब जाएगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को यह सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि फसलों में लगने वाले कीड़ों और बीमारियों पर लगातार नजर रखें. कोई समस्या हो तो कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें और सही जानकारी लेकर ही दवाओं का प्रयोग करें। यदि फसलों और सब्जियों में सफेद मक्खी या चूसने वाले कीड़ों का प्रकोप दिखाई दे तो इमिडाक्लोप्रिड औषधि को 1.0 मिली/3 लीटर पानी में मिलाकर आसमान साफ होने पर छिड़काव करें।
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मधुमक्खियों को मैदान से बाहर न भगाएं
वैज्ञानिकों ने कहा है कि कद्दू और अन्य सब्जियों में मधुमक्खियों का बड़ा योगदान होता है। क्योंकि, ये परागण में मदद करते हैं। इसलिए मधुमक्खियों को खेत में ही रखें। यदि टमाटर, हरी मिर्च, बैगन और अगेती फूलगोभी के पौधे तैयार हैं, तो उन्हें मौसम को ध्यान में रखते हुए छिछली क्यारियों (उथली क्यारियों या मेड़) पर रोपें। किसान मूली (पूसा चेतकी), पालक (पूसा भारती, अल्ग्रीन), चौलाई (पूसा लाल चौलाई, पूसा किरण) आदि जैसी फसलें बो सकते हैं। लेकिन, केवल प्रमाणित या बेहतर बीज ही चुनें।
किसान सरसों और मटर की बुवाई करें
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह स्वीट कॉर्न (माधुरी, विन ऑरेंज) और बेबी कॉर्न (HM-4) की बुवाई का समय है। यह सरसों की अगेती बुवाई का भी समय है। इसलिए आप पूसा सरसों-25, पूसा सरसों-26, पूसा सरसों-28, पूसा अग्नि, पूसा तारक, पूसा महक आदि के बीज बो सकते हैं। बीज दर 1.5 से 2.0 किलोग्राम प्रति एकड़ रखें।
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किसान अगर इस समय जल्दी मटर की बुवाई करें तो लाभ होगा। इसकी उन्नत किस्म पूसा प्रगति है। बीज दर 35-40 किलोग्राम प्रति एकड़ होगी। बीज को कवकनाशी कैप्टन @ 2.0 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करें। बीजोपचार के बाद ही बुवाई करें।
मशीन से गाजर की बुवाई में लगेगा कम बीज
इस मौसम में किसान मेढ़ों पर गाजर की बुआई कर सकते हैं। गाजर की उन्नत किस्म पूसा रुधिरा है। बीज दर 4.0 किग्रा प्रति एकड़ है। बिजाई से पहले कैप्टन 2 ग्राम प्रति किलो बीज से बीज का उपचार करें। खेत में देशी खाद, पोटाश और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें।
मशीन से गाजर की बुवाई में प्रति एकड़ एक किलो ही लगता है। मशीन से बीज की बचत होती है और उत्पाद की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। सब्जियों (टमाटर, बैंगन, फूलगोभी और पत्ता गोभी) में फल छेदक और फूलगोभी और पत्ता गोभी में डायमंड बेक मोथ की निगरानी करके वैज्ञानिकों से पूछकर इसका निदान करें।