खुदकुशी – किसान ने की आग लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश, छिड़काव द्वारा फसल खराब होने का मामला,कार्रवाई नहीं हुई तो उठाया ऐसा कदम

खुदकुशी ।एमपी में मंगलवार को एक किसान ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। मामला बंडा थाना कैंपस का है। दरअसल, किसान ने जिस कीटनाशक दवा को खेत में छिड़का था, उससे सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई। इस बात की शिकायत उसने थाने में की, लेकिन पुलिस ने दवा बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे दुखी होकर उसने यह कदम उठाया।
खुद पर पेट्रोल डालने से पहले किसान ने पुलिस वालों से कहा, ‘तुमने कुछ नहीं किया, अब हम जान गंवा देंगे। बच्चे तुम्हारे भरोसे…हैं। ‘ बता दें कि किसान शीतल कुमार 25% झुलस गया है।
मेरा नाम निशा रजक है। मेरे पति का नाम शीतल कुमार रजक (45) है। हम बंडा के चौका में रहते हैं। हमने खेत में सोयाबीन की फसल लगाई थी। इल्ली और खरपतवार होने के कारण दुकान से दवाई खरीदी थी। कीटनाशक दवा सोयाबीन में डाली, लेकिन खरपतवार नहीं मरी। सोयाबीन की फसल सूखकर पीली पड़ गई। फसल खराब होने पर मेरे पति ने बंडा थाने में सोमवार को शिकायत की थी। थाने में शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई। पति मंगलवार सुबह फिर खेत पर फसल देखने गए थे। खेत में फसल को सूखते देख वे और दुखी हो गए। वे खेत से लौटकर घर आए। मुझसे कहा- पुलिस कुछ नहीं कर रही।
मैं थाने में ही मरूंगा। उन्होंने बाइक निकाली। वे थाने के लिए निकल गए। मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं भी तुरंत बेटे के साथ पीछे-पीछे थाने पहुंच गई। रास्ते में उन्होंने एक दुकान से बोतल खरीदी। पेट्रोल पंप से उसमें पेट्रोल लिया। थाने पहुंचकर पुलिसवालों से बात करने लगे। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले उन्होंने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। मैं और मेरा बेटा आग बुझाने की कोशिश में जुट गए। पुलिस के जवान भी उनकी ओर दौड़े। कपड़े और पानी की मदद से आग को बुझाया गया।
मामले की जांच SDOP को सौंपी
एडिशनल SP विक्रम सिंह कुशवाहा ने बताया कि किसान ने बंडा के शंकर बीज भंडार से कीटनाशक दवा खरीदी थी। शंकर बीज भंडार कृषि विभाग का लाइसेंसी विक्रेता है। जांच के लिए कृषि विभाग को बोला गया था। कृषि विभाग के डीडीए की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट से तय होगा कि किसान की फसल को नुकसान किस कारण से पहुंचा है। मामले की जांच बंडा SDOP को सौंपी गई है।