श्रावण सोमवार को आए श्रद्धालुओं के लिए अनोखे दर्शन: 40 फीट गहरी गुफा में स्थित है प्राकृतिक शिवलिंग
श्रावण सोमवार देश भर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर में स्थित हैं। आइए आपको दिखाते हैं श्रावण मास के आखिरी सोमवार को राज्य का एक ऐसा शिवलिंग, जिसके बारे में आपने शायद ही पहले सुना होगा. यह शिवलिंग भोपाल-जबलपुर हाईवे के बरघाटी में स्थित डोंगरगांव की पहाड़ी पर स्थित है। गांव के नाम पर इसका नाम ‘डोंगरेश्वर महादेव’ भी पड़ा है। यह स्वयंभू शिवलिंग 3 किमी ऊंची पहाड़ी पर 40 फीट गहरी गुफा में स्थित है। इसके सार्वजनिक होने की कहानी भी दिलचस्प है।
मां नर्मदा गुफा से 3 किमी की दूरी पर ओम के आकार में बहती है। स्थानीय लोगों का दावा है कि गुफा का दूसरा छोर नदी के किनारे से निकलता है। ऑक्सीजन की कमी और गुफा के अंदर गहरे होने के कारण खतरे के कारण आज तक कोई भी 60 फीट से आगे नहीं जा सका है।
गुफा से मिलने की दिलचस्प कहानीडोंगरगांव निवासी धनसिंह ने बताया कि वर्ष 2010 में उसका बड़ा भाई जीरा लाल बर्मन जंगल में गाय चराने आया था। उनके साथ शोभाराम मल्लाह और धनसिंह मल्लाह भी थे। इस दौरान जिरालाल ने एक साही (सुरक्षा के लिए अपने शरीर पर कांटेदार कोट वाला एक जंगली जानवर) देखा।जब तीनों ने उसका शिकार करने का पीछा किया, तो वह गुफा में घुस गई।
वे तीनों भी उसके पीछे-पीछे गुफा में गए। लेकिन अंधेरा होने के कारण तीनों लौट आए। अगले दिन वह फिर मशाल लेकर आया। मशाल की रोशनी में तीनों को इस रहस्यमयी गुफा में इस शिवलिंग के दर्शन हुए। उसने आकर यह बात ग्रामीणों को भी बताई।शिवलिंग देखने के लिए उमड़ी भीड़जंगल में मिले इस शिवलिंग की खबर तेजी से फैली। इसके बाद लोग यहां दर्शन के लिए आने लगे। आलम यह था कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। 2010 में वर्तमान केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल भी विधायक भाई जालम सिंह पटेल और गुरु श्री श्री बाबा के साथ पहुंचे। फिर इसके विकास के लिए कई दावे किए गए। लेकिन कुछ नहीं हुआ। साल 2018 में नर्मदा परिक्रमा के दौरान पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी अपनी पत्नी के साथ इस शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं।