सावन का तीसरा सोमवार – भस्म आरती दर्शन,रजत त्रिपुण्ड ,महाकाल राजा का हुआ अद्वितीय श्रंगार

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सावन का तीसरा सोमवार – भस्म आरती दर्शन,रजत त्रिपुण्ड,महाकाल राजा का हुआ अद्वितीय श्रंगार

श्रावण का तीसरा सोमवार पर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिण मुखी बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में तड़के 2:30 बजे गर्भ गृह के पट खोले गए सर्वप्रथम मंदिर के कपाट खोले गए। जल से महाकाल को स्नान कराने के पश्चात दूध,दही ,घी ,शहद फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया।

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भस्म आरती के दौरान महाकाल का भांग,चन्दन,सिंदूर और आभूषणों से मन मोहक राजा के रूप में श्रृंगार किया गया। मस्तक पर रजत त्रिपुण्ड , रजत का हार और अन्य आभूषणों के साथ सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला , सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गयी।

देश भर से भक्त बाबा की एक झलक पाने उनसे आशीर्वाद लेने पहुँचे। जय श्री महाकाल के जयकारों से मंदिर परिसर व पूरी अवंतिका नगरी गुंज उठी, सावन में प्रत्येक दिन आम दिनों की तरह ही बाबा का श्रृंगार पूजन होता है लेकिन सोमवार का दिन विशेष हो जाता है।

आज शाम 4 बजे बाबा शाही ठाठ बाट के साथ नगर भ्रमण पर भक्तो का हाल जानने निकलेंगे मार्ग परंपरा अनुसार ही रहेगा, वर्ष में नागपंचमी पर सिर्फ एक दिन के लिए खुलने वाला नागचंद्रेश्वर मंदिर के द्वार रात 12 बजे खुलेंगे।

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