इंदौर न्यूज – कोरोना फैला रहा है अपने पैर ,27 साल की महिला की कोरोना से मौत,भोपाल में भी 1 मौत

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इंदौर न्यूज – कोरोना फैला रहा है अपने पैर ,27 साल की महिला की कोरोना से मौत,भोपाल में भी 1 मौत

इंदौर में कोरोना से 27 साल की महिला की मौत हो गई। भोपाल में भी 1 डेथ हुई। दोनों मौतों को 2 और 5 दिन बाद रिकॉर्ड में लिया गया। 147 दिन बाद 1 दिन में दो संक्रमितों की मौतें दर्ज की गई हैं। इससे पहले 1 मार्च को 2 मौतें दर्ज हुई थीं। रिकॉर्ड देखें तो मध्यप्रदेश में 56 दिन में 15 संक्रमित दम तोड़ चुके हैं। अप्रैल और मई में सिर्फ 1-1 मरीज की मौत हुई, लेकिन जून में 9 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। इस महीने में अब तक 6 मौतें रिकॉर्ड हो चुकी हैं। प्रदेश में 24 घंटे में 248 नए संक्रमित मिले हैं।

वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लगवाया था

कोरोना से इंदौर के एमआरटीबी हॉस्पिटल में 27 साल की संगीता की मौत हुई है। संगीता को 19 जुलाई को कोविड पॉजिटिव आने के बाद 21 जुलाई को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। तीन दिन आईसीयू और एक दिन वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहने के बाद 24 जुलाई को उनकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक वह नॉन वैक्सीनेटेड थी। एक भी डोज नहीं लगा था।

परिवार से बुजुर्ग हुए संक्रमित

भोपाल में अंसल लेक व्यू के रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग पिछले कई साल से गंभीर बीमारियों के शिकार थे। परिजन के मुताबिक उन्हें लंग्स की प्रॉब्लम थी। एक किडनी के सपोर्ट पर वे कई साल से थे। कोरोना की तीन लहरों में संक्रमण से सुरक्षित रहे। उनकी पत्नी को कोरोना हुआ, इसके बाद परिवार के दो अन्य सदस्य भी संक्रमित हो गए। बुजुर्ग को लेकर परिजन अस्पताल गए। टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तीन दिन आईसीयू और एक दिन वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहने के बाद चिरायु हॉस्पिटल में 21 जुलाई को डेथ हो गई। विभाग ने अपने रिकॉर्ड में उनकी डेथ को 26 जुलाई को जोड़ा।

बूस्टर डोज लगवा चुकी महिला की डेथ

भोपाल के भेल इलाके में रहने वाली 48 साल की श्वेता को इस महीने के शुरुआत में जुकाम और गले में दर्द की प्रॉब्लम हुई। वे नजदीकी डॉक्टर को दिखाने गईं। उन्हें डॉक्टर ने एक हफ्ते की दवाएं दीं, लेकिन हालत नहीं सुधरे तो परिजन ने उनका कोविड टेस्ट कराया। रिपोर्ट निगेटिव आई। 21 जून को एम्स में एडमिट कराया। यहां भी उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई। निमोनिया होने पर डॉक्टरों ने दोबारा टेस्ट कराया। 25 जून को उनकी रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि हुई। 12 दिन आईसीयू और 6 दिन वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहने के बाद 3 जुलाई को श्वेता की मौत हो गई। श्वेता के बहनोई ने बताया कि उन्हें वैक्सीन के तीन डोज लग चुके थे। वे पिछले कुछ सालों से दुबई में अपने बेटे के पास थीं, जहां उन्होंने बूस्टर डोज भी लगवा लिया था। एम्स में सही ट्रीटमेंट करने के बजाए टेस्ट कराते गए, इलाज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

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