हरदा/देवास का मामला : पति ने की पत्नी की गला दबाकर हत्या,कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
हरदा /देवास। सोमवार शाम को हत्या का आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने पत्नी की गला दबाकर हत्या करने वाले पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वही इस मामले में अन्य चार और आरोपियों के साक्ष्य के मामले में उन्हें बरी कर दिया है। अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता प्रवीण सोनी ने बताया कि जिले के हंडिया थाना क्षेत्र के ग्राम देवास में गत 27 मार्च 2015 को एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जिसमें हंडिया थाने में धारा 302,498ए, 201,120 बी, 323 भादवि का मामला दर्ज किया गया था।
अधिवक्ता सोनी ने बताया कि अरुणा पिता शिवनारायण जाट निवासी ग्राम रातातलाई की शादी ग्राम देवास के रहने वाले रामभरोस उर्फ पप्पू पटेल पिता तुलसीराम जाट के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही पति मारपीट कर उसे परेशान करता था। जिसको लेकर अरुणा ने परिवार परामर्श केंद्र में आवेदन दिया था। जहां से पति को समझाइश देकर पत्नी अरुणा को साथ रखने को कहा गया था लेकिन इसके बाद ग्राम देवास ससुराल जाने के बाद से ही पति रामभरोस जाट अपनी पत्नी से क्रूरतापूर्वक व्यवहार करता रहा।
पति रामभरोस ने अरुणा के साथ मारपीट कर उनकी गला दबाकर हत्या कर हत्या के सबूतों को छिपा लिया था। पुलिस ने अरुणा की हत्या के आरोप में पति रामभरोस, राधेश्याम पिता तुलसीराम, ओमप्रकाश, संदीप पिता राधेश्याम, शांता बाई पति तुलसीदास, लक्ष्मीबाई पति ओमप्रकाश के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
इस मामले में फैसला सुनाते हुए द्वितीय अपर न्यायाधीश राजेंद्र कुमार दक्षिणे ने पति रामभरोस पिता तुलसीराम जाट निवासी देवास को धारा 302 भादवि के अंतर्गत आजीवन कारावास, धारा 201 भादवि में 7 वर्ष का साधारण कारावास, एवं धारा 498 ए भादवि में 3 वर्ष का साधारण कारावास,धारा 323 में दो-दो हजार का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड ना देने पर तीन तीन माह के कारावास की सजा सुनाई है। वही अन्य चार आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिलने पर उन्हें दोषमुक्त कर दिया है। इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक प्रवीण सोनी ने की है। अरुणा की बेटी के बयान के आधार पर एवं पीएम रिपोर्ट को महत्वपूर्ण आधार माना गया है।